देश भर में टमाटर के दाम कम होने लगे हैं तो प्याज की कीमतें आंख दिखाने लगी हैं।
महाराष्ट्र के नासिक जिले की सबसे बड़ी प्याज मंडियों में एक, लासलगांव की कृषि बाजार समिति में आयोजित नीलामी में पिछले सप्ताह की तुलना में इस सप्ताह प्याज की औसत कीमत 500 रूपए रही।
लासलगांव मंडी में रोजाना करीब 20,000 से 25,000 क्विंटल प्याज की आवक होती है। कुछ दिनों से य़े घटकर करीब 15,000 क्विंटल रह गई है। इस सप्ताह बेशक कीमतें थोड़ी कम हुई हैं, लेकिन जानकारों का मानना है कि सितंबर में कीमतें फिर बढ़ेंगी।
सरकार ने शुक्रवार को ऐलान किया था कि वे चुनींदा इलाकों में अपने बफर स्टॉक से प्याज भेजेगी, ताकि अक्टूबर में नई फसल आने तक कीमतें काबू में रहें। प्याज का स्टॉक उन राज्यों को जारी किया जाएगा जहां खुदरा कीमतें अखिल भारतीय औसत से ज्यादा हैं।
स्टॉक का निपटान ई-नीलामी, ई-कॉमर्स के साथ-साथ राज्यों में उपभोक्ता सहकारी समितियों और निगमों के जरिए किया जाएगा।
फिलहाल सरकार के पास मूल्य स्थिरीकरण कोष के तहत तीन लाख टन प्याज है। अगर कम आपूर्ति वाले मौसम में प्याज की कीमतें बढ़ती हैं, तो इस कोष से मदद मिलेगी।