उत्तराखंड राज्य देवभूमि के नाम से जाना जाता है क्योकि यहां देवी-देवताओं का वास है. आज एक और खास मंदिर के बारे में जानते है. यह मंदिर उत्तराखंड की राजधानी देहरादून में स्थित करीब 100 किमी दूर लाखामंडल गांव में है. इस गांव में भगवान शिव का एक मंदिर है, जिसकी मान्यता बेहद ज्यादा खास है. चलिए आज जानते मंदिर का इतिहास तथा कैसे पड़ा मंदिर का नाम.
कहा जाता है यह जगह दुर्योधन ने पांडवो को मारने के लिए षडयंत्र रचा था. पांडवों को लाक्षागृह में रखा गया था. लेकिन पांडव यहां से बच निकले थे. लाखामंडल गांव में कई रहस्यमी गुफांए भी हैं.
लाखामंडल का नाम भी कुछ यू रखा गया. लाखा का अर्थ लाख और मंडल यानी लिंग. यानी लाख लिंग. कहा जाता है कि पांडवो ने इस जगह पर लाख शिवलिंग स्थापित किए थे. इसके चलते ही इस गांव का नाम लाखामंडल पड़ा था. बात अगर मंदिर की बनावट की करें तो मंदिर दिखने में बिल्कुल केदारनाथ जैसा है. इस मंदिर के बगल में कई शिवलिंग देखने को मिलते है और मंदिर के अंदर पैरो के निशान है. कहा जाता है कि यह निशान मां पार्वती के हैं.