सिविल लाइन थाना क्षेत्र की पांडव नगर कॉलोनी के रिटायर्ड बैंक कर्मी और उनकी पत्नी को पांच दिन डिजिटल अरेस्ट कर 1.73 करोड़ की साइबर ठगी करने वाले चार आरोपियों को पुलिस ने गिरफ्तार किया है। तीन राज्यों में बैठकर आरोपियों ने इस वारदात को अंजाम दिया था। साइबर ठगी के इस बड़े मामले का पुलिस ने आठ दिन में खुलासा कर दिया।
आपको बता दे बैंक से रिटायर्ड सूरज प्रकाश के पास 17 सितंबर को एक कॉल आई थी। कॉलर ने खुद को टेलीकॉम विभाग से बताते हुए कहा कि आपके सभी रजिस्टर्ड मोबाइल नंबर बंद किए जा रहे हैं। आपके आधार कार्ड का इस्तेमाल कर कैनरा बैंक में एक खाता खोला गया है। जिसमें 6.80 करोड़ रुपये मनी लॉन्ड्रिंग के आए हैं। इसके बाद उनके व्हाट्सएप नंबर पर कॉल आई। कॉलर ने खुद को सीबीआई अधिकारी बताते हुए उनके खिलाफ महाराष्ट्र में रिपोर्ट दर्ज होने की जानकारी दी। उन्हें जेल भेजने की धमकी देकर डराया।
जिसके बाद सूरज प्रकाश और उनकी पत्नी सरोज बाला को घर से बाहर जाने और किसी से मिलने से रोका गया। पांच दिन दोनों को घर में डिजिटल अरेस्ट रखा। 18 सितंबर को उनके खाते से एक बैंक खाते में एक बार 3.80 लाख और दूसरी बार 5 लाख रुपये ट्रांसफर करा लिए। 20 सितंबर को एक बैंक खाते में 90 लाख रुपये, 21 सितंबर को एक बैंक खाते में 45 लाख रुपये और दूसरे बैंक खाते में 30 लाख रुपये ट्रांसफर करा लिए थे।
ये हैं आरोपी
1. निलेश बालकृष्ण (32) पुत्र बालकृष्ण साल्वी निवासी वीटीसी शीर, जिला रत्नागिरि थाना नौपाडा जनपद महाराष्ट्र।
2. नावेद एजास सैयद (25) पुत्र एजास सैयद निवासी तानाजी नगर, उल्हासनगर ठाणे, महाराष्ट्र।
3. नामिजला राजकुमार (40) पुत्र नामिजला कोमरैया निवासी कोमाटी पल्ली, तहसील हसनपार्था, थाना केयूसी, जिला वारंगल, तेलंगाना
4. सोम्यासिस पाईन (32) पुत्र स्वपन कुमार पाईन निवासी चिदमन मुजी लेन, विडन स्ट्रीट, कोलकाता पश्चिम बंगाल आरोपी हैं।
आपको बता दें आरोपियों के बैंक एकाउंट के संबंध में केंद्र सरकार के राष्ट्रीय साइबर क्राइम रिपोर्टिंग पोर्टल पर मेरठ के अलावा विभिन्न राज्यों में 13 शिकायतें दर्ज हैं। निलेश बालकृष्ण के खाते में पीड़ित ने 90 लाख रुपये ट्रांसफर किए थे। इनमें से 4,99,500 रुपये नावेद एजास सैयद के खाते में ट्रांसफर हुए। निलेश बालकृष्ण ने अपना बैंक खाता किसी अन्य व्यक्ति को रुपये लेकर प्रयोग करने के लिए देना बताया। नावेद एजास सैयद ने बताया कि क्रिप्टो करेंसी बेचकर 4,99,500 रुपये उसके खाते में आए थे। जिसकी उसने दोबारा क्रिप्टो करेंसी खरीद ली। सोम्यासिस पाईन के खाते में 45 लाख रुपये पीड़ित ने ट्रांसफर किए थे।
जहां नामिजला राजकुमार ने अपने व अपनी पत्नी के नाम पर 12 बैंक खाते खुलवा रखे हैं। जिनमें से कुछ खाते किराये पर ट्रेडिंग कंपनी को दिए हैं। राजकुमार की पत्नी के खाते में पीड़ित ने 8.80 लाख रुपये ट्रांसफर किए थे। जो दूसरे खाते में ट्रांसफर कर दिए गए। राजकुमार की गिरफ्तारी के दौरान विभिन्न बैंको के 10 एटीएम कार्ड, विभिन्न बैंको की 8 पासबुक और ट्रेडिंग कंपनी के सदस्यों से बात करने के लिए इस्तेमाल मोबाइल बरामद किया। राजकुमार के खिलाफ अन्य शहरों में भी दो मुकदमे दर्ज हैं।
दरअसल सिविल लाइन थाना क्षेत्र की कॉलोनी निवासी बुजुर्ग सूरज प्रकाश ने बताया कि साइबर अपराधियों ने डिजिटल अरेस्ट कर 1.73 करोड़ की ठगी कर ली। उनसे चार खातों में यह रकम ट्रांसफर कराई गई। 17 सितंबर को कॉल आई थी। कॉलर ने खुद को टेलिकॉम विभाग से बताते हुए कहा कि आपके सभी रजिस्टर्ड मोबाइल नंबर बंद किए जा रहे हैं। आपके आधार कार्ड का इस्तेमाल करके कैनरा बैंक में एक खाता खोला गया है। इसमें 6.80 रुपए मनी लॉन्ड्रिंग के आए हैं।
इसके बाद उनके वॉट्सऐप नंबर पर कॉल आई। कॉलर ने उनके खिलाफ महाराष्ट्र में रिपोर्ट दर्ज होने की जानकारी दी। उन्हें जेल भेजने की धमकी देकर डराया। उन्हें घर से बाहर जाने और किसी से मिलने से रोका गया। 18 सितंबर को उनके एक बैंक खाते में एक बार 3.80 लाख और दूसरी बार 5 लाख रुपए ट्रांसफर करा लिए। 20 सितंबर को एक बैंक खाते में 90 लाख रुपए, 21 सितंबर को एक बैंक खाते में 45 लाख रुपए और दूसरे बैंक खाते में 30 लाख रुपए ट्रांसफर करा लिए। जब उन्हें ठगी का एहसास हुआ, तब तक बहुत देर हो चुकी थी। सूरज प्रकाश ने साइबर थाने में रिपोर्ट दर्ज कराई।
वहीं इस पूरे मामले में एसएसपी डॉ. विपिन ताडा ने बताया कि एक व्यक्ति ने साइबर थाने आकर डिजिटल फ्रॉड की शिकायत की थी। व्हाट्सऐप, वीडियो कॉल के जरिए किसी ने उनसे बात की और एक मुकदमे में उनका नाम होने का भय दिखाकर काफी रकम अपने बैंक खातों में ट्रांसफर कराई। तुरंत उन बैंक अकाउंट्स को पुलिस ने फ्रीज कराया और मुकदमा दर्ज किया। इसके बाद एक टीम बनाकर तीन टीमें महाराष्ट्र, तेलांगना और पश्चिम बंगाल के लिए भेजी।अकाउंट्स और सिम कार्ड, व्हाट्सएपग्रुप की डिटेल के आधार पर इसमें अलग-अलग प्रदेशों से चार लोगों को गिरफ्तार किया है। महाराष्ट्र से अरेस्ट हुआ आरोपी एक फर्म चलाता था।बिजनेस में घाटा होने पर किसी ने उससे कांटेक्ट किया उन्होंने अपना फर्म का नाम, एकाउंट एक लाख रुपया महीना पर किराए पर दे दिया। दूसरे तीनों आरोपी भी इसी तरह बैंक अकाउंट खोलते थे और 10 हजार रुपए महीना पर किराए पर देते थे।
इसमें एक आरोपी के 12 अकाउंट है।एक फर्म के अकाउंट हैं। एक सिम है जिसका इस्तेमाल साइबर फ्रॉड में हुआ है।इसमें 25 से ज्यादा बैंक अकाउंट पुलिस की जानाकरी में आए हैं। जिनको फ्रीज कराया गया है। अलग-अलग रकम भी इन खातों में हैं। 45 लाख रुपयों की रकम पुलिस अब तक इन खातों में फ्रीज करा चुकी है। अन्य अपराधियों की भी तलाश जारी है। कुछ ऐसे व्हाट्सएप और टेलिग्राम ग्रुप चलते हैं। जिसमें लोगों को जोड़कर उन्हें बैंक में अकाउंट खोलने और उसे हर महीने 10 से 20 हजार रुपए महीने पर किराए पर दिए जाते हैं। सिमकार्ड किसी तीसरे पक्ष का होता है। अकाउंट को इसी सिम कार्ड से कनेक्ट किया जाता है। फेक आइडी का भी इस्तेमाल करते हैं। सभी अलग-अलग जगह पर रहने वाले लोग हैं। जांच जारी है अन्य आरोपियो की तलाश भी पुलिस कर रही है। जल्दी गैंग का खुलासा किया जाएगा।पूछताछ में पता चला है कि ठगी की रकम को ये लोग क्रिप्टोकरेंसी सहित अन्य जगहों पर इंवेस्ट करते थे। सभी को बराबर के लाभ का लालच दिया जाता था।