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सीएम सैनी ने ASI संदीप के परिजनों से रोहतक में की मुलाकात, कार्रवाई का किया वादा

Haryana: हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने बुधवार को कथित तौर पर आत्महत्या करने वाले सहायक उप-निरीक्षक संदीप कुमार के परिवार से मुलाकात की और अपनी संवेदना व्यक्त की। सैनी ने उनके परिवार को भरोसा दिया कि उचित कार्रवाई की जाएगी।

रोहतक में साइबर सेल में तैनात एएसआई संदीप कुमार ने मंगलवार को कथित तौर पर खुद को गोली मारकर आत्महत्या कर ली। उन्होंने एक 'अंतिम नोट' छोड़ा जिसमें दिवंगत आईपीएस अधिकारी वाई पूरन कुमार, जो उसी जिले में कार्यरत थे, उनके खिलाफ भ्रष्टाचार के आरोप लगाए गए थे।

52 साल के पूरन कुमार, जो हाल ही में रोहतक के सुनारिया स्थित पुलिस प्रशिक्षण केंद्र में महानिरीक्षक के पद पर तैनात हुए थे, उन्होंने सात अक्टूबर को अपने चंडीगढ़ स्थित आवास पर खुद को गोली मारकर आत्महत्या कर ली थी।

एएसआई का शव मंगलवार को रोहतक में लाधोत-धामर रोड के किनारे एक खेत में एक रिश्तेदार के अस्थायी कमरे से बरामद किया गया था। उनके परिवार ने शव को उसी गांव में एक रिश्तेदार के घर स्थानांतरित कर दिया।

बुधवार को मुख्यमंत्री सैनी, मंत्री महिपाल ढांडा और कृष्ण लाल पंवार तथा वरिष्ठ बीजेपी नेता मनीष ग्रोवर के साथ लाढोत गांव पहुंचे और शोकाकुल परिवार को सांत्वना दी। हिंदी में जारी एक आधिकारिक बयान में कहा गया, "मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने रोहतक के लाधोत गाँव का दौरा किया और संवेदना व्यक्त की। उन्होंने परिवार को उचित कार्रवाई का भरोसा दिया।"

लाधोत गाँव में एक अधिकारी ने संवाददाताओं को बताया कि एएसआई के परिवार ने न्याय की माँग की है। एक रिश्तेदार ने कहा कि उन्होंने मुख्यमंत्री से अपील की कि एएसआई की कथित 'आत्महत्या' की गहन जाँच की जाए क्योंकि उन्होंने एक वीडियो और एक नोट में गंभीर आरोप लगाए हैं।

छह मिनट के कथित वीडियो और सुसाइड नोट, जिसे एएसआई ने अपना "अंतिम नोट" बताया, में पूरन कुमार पर भ्रष्टाचार के आरोप लगाए गए थे और कहा गया था कि वरिष्ठ आईपीएस अधिकारी ने "पारिवारिक अपमान से बचने के लिए" आत्महत्या कर ली।

एएसआई की मौत हरियाणा सरकार द्वारा सोमवार देर रात राज्य के डीजीपी शत्रुजीत कपूर को छुट्टी पर भेजे जाने और कपूर की छुट्टी के दौरान 1992 बैच के अधिकारी ओ.पी. सिंह को हरियाणा के डीजीपी का अतिरिक्त प्रभार सौंपे जाने के कुछ घंटों बाद हुई।

इससे पहले सरकार ने रोहतक के पुलिस अधीक्षक नरेंद्र बिजारनिया का तबादला कर दिया था। पूरन कुमार ने अपने अंतिम नोट में जिन आठ अधिकारियों के नाम लिए थे, उनमें कपूर और बिजारनिया भी शामिल थे। नोट में "जाति-आधारित भेदभाव, लक्षित मानसिक उत्पीड़न, सार्वजनिक अपमान और अत्याचार" की ओर इशारा किया गया था।

पुलिस सूत्रों के अनुसार एएसआई संदीप कुमार ने हेड कांस्टेबल सुशील कुमार की गिरफ्तारी में भूमिका निभाई थी, जो कथित तौर पर पूरन कुमार का सहयोगी था। पूरन कुमार पर भ्रष्टाचार के आरोप लगाते हुए एएसआई ने वीडियो में कहा कि भगत सिंह ने भी बलिदान दिया और कठिन रास्ता अपनाया, जिसके बाद देश जागृत हुआ।

उन्हें ये कहते हुए सुना जा सकता है और आज ये देश तब जागृत होगा जब हम सत्य के मार्ग पर अपना बलिदान देंगे। वे ये दावा भी करते हैं कि "ईमानदार अधिकारी" बिजारनिया ने पूरन कुमार का सामना किया था।

मृत आईजी का नाम हाल ही में एक रिश्वत कांड में सामने आया था। ये मामला एक शराब ठेकेदार द्वारा हेड कांस्टेबल सुशील कुमार के खिलाफ दर्ज कराई गई रिश्वतखोरी की शिकायत से संबंधित है। ठेकेदार ने आरोप लगाया है कि सुशील कुमार ने रोहतक में तैनात पूरन कुमार के नाम पर 2.5 लाख रुपये मांगे थे।

साल 2001 बैच के 52 साल के आईपीएस अधिकारी पूरन कुमार, अधिकारियों के अधिकारों, वरिष्ठता और अन्य मुद्दों से जुड़े मामलों में अपने हस्तक्षेप के लिए जाने जाते थे। चंडीगढ़ पुलिस ने पूरन कुमार मामले की जाँच के लिए छह सदस्यीय विशेष जाँच दल का गठन किया है।