Breaking News

महाकुंभ में आज 1.26 करोड़ लोगों ने किया स्नान, अब तक कुल 55.56 करोड़ श्रद्धालुओं ने लगाई डुबकी     |   कल शाम 7 बजे होगी BJP विधायक दल की बैठक- सूत्र     |   दिल्ली LG से मिलने पहुंचे BJP नेता तरुण चुघ, विनोद तावड़े और वीरेंद्र सचदेवा     |   नीतीश कुमार दिल्ली सीएम की शपथग्रहण में शामिल नहीं होंगे, 'प्रगति यात्रा' को बताया वजह     |   ममता बनर्जी अपने वोट बैंक को खुश करने का कोई मौका नहीं चूकतीं- अमित मालवीय     |  

शामली एनकाउंटर में घायल STF इंस्पेक्टर सुनील कुमार की मौत, मेदांता में ली अंतिम सांस

यूपी एसटीएफ के इंस्पेक्टर सुनील कुमार बुधवार को शहीद हो गए। सोमवार ( 20 जनवरी ) की रात सुनील कुमार और उनकी टीम ने शामली में कग्गा गैंग के 4 बदमाशों का एनकाउंटर किया था। मुठभेड़ में इंस्पेक्टर के पेट में दो गोली लगी थी।

आपको बता दे सुनील कुमार को गुड़गांव के मेदांता अस्पताल में ले जाया गया, जहां सर्जरी की गई। दोनों गोलियां बाहर निकाल ली गईं। लेकिन गोली से उनका लिवर छलनी हो गया था। डॉक्टरों ने कहा था- गोली से लिवर डैमेज हो गया है। अगले 24 घंटे इंस्पेक्टर सुनील के लिए बेहद अहम हैं। कुछ भी हो सकता है।

जहां आखिरकार 36 घंटे जिंदगी-मौत से लड़ने के बाद इंस्पेक्टर सुनील कुमार ने अंतिम सांस ली। एसपी शामली रामसेवक गौतम ने कहा कि इंस्पेक्टर की मौत की सूचना के बाद एक टीम को गुरुग्राम भेजा गया है।

मेरठ के रहने वाले इंस्पेक्टर सुनील इंस्पेक्टर सुनील मेरठ में इंचौली के मसूरी गांव के रहने वाले थे। 1 सितंबर, 1990 को यूपी पुलिस में सिपाही पद पर भर्ती हुए थे। स्पेशल टास्क फोर्स ( एसटीएफ ) का गठन होने के बाद उन्होंने 1997 में मानेसर, हरियाणा में कमांडो कोर्स किया। 1 जनवरी, 2009 को सुनील ने एसटीएफ जॉइन किया। 16 साल से वह एसटीएफ में ही थे।

सुनील कुमार 7 अगस्त, 2002 हेड कॉन्स्टेबल के पद पर प्रमोट हुए। 13 मार्च, 2008 को फतेहपुर में हुई पुलिस मुठभेड़ में ओमप्रकाश उर्फ उमर केवट को मार गिराया था। इस मुठभेड़ में इंस्पेक्टर ने अपनी जान की बाजी लगा दी थी। इसके लिए उन्हें 16 सितंबर, 2011 में आउट आफ टर्न प्रमोशन देकर हेड कॉन्स्टेबल से पीएसी में प्लाटून कमांडर बना दिया गया था। 22 अप्रैल, 2020 को दलनायक के पद पर प्रमोट हुए थे।

2008 में 5 लाख के इनामी बदमाश अंबिका पटेल उर्फ ठोकिया और 50 हजार के इनामी उमर केवट को पुलिस मुठभेड़ के दौरान मार गिराया।
2012-13 में मेरठ यूनिट में रहते हुए 1-1 लाख के इनामी सुशील उर्फ मूंछ, बदन सिंह उर्फ बद्दो और भूपेंद्र बाफर को गिरफ्तार कर जेल भेजा।

24 जून, 2019 को सवा लाख रुपए के इनामी अपराधी आदेश बालियान निवासी भौरा कलां को मुठभेड़ में ढेर किया।

04 मई, 2023 को मेरठ के थाना जानी क्षेत्र में एसटीएफ टीम के साथ हुई मुठभेड़ में गैंगस्टर अनिल नागर उर्फ अनिल दुजाना को मार गिराया।

14 दिसंबर, 2024 को एसटीएफ और स्पेशल सेल दिल्ली की संयुक्त टीम ने मेरठ के टीपी नगर थाना क्षेत्र में हाशिम बाबा गैंग के शूटर 50 हजार के इनामी अनिल उर्फ सोनू उर्फ मटका मार गिराया। इस मुठभेड़ में भी सुनील कुमार का खास योगदान रहा।

इसके अलावा इंस्पेक्टर सुनील कुमार के नेतृत्व में अवैध शस्त्रों की तस्करी और मादक पदार्थों की तस्करी करने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की गई।

वारदात के बाद एनकाउंटर स्पॉट की जांच करते STF के कर्मचारी।
मारे गए चारों बदमाश इसी कार से जा रहे थे।
पुलिस ने बदमाशों के पास से तमंचे और पिस्टल बरामद किए हैं।
गोलियां कार में जाकर लगीं।
बिना बुलेटप्रूफ जैकेट के 2 किमी पीछा किया, 40 मिनट में 50 राउंड फायरिंग

इंस्पेक्टर सुनील कुमार अपनी टीम के साथ सोमवार की रात करीब डेढ़ बजे चौसाना रोड पर घेराबंदी किए थे। उन्हें अरशद के मूवमेंट की टिप मिली थी। रात करीब 2 बजे हरियाणा की तरफ से सफेद रंग की ब्रेजा कार आती दिखाई दी।

पुलिस टीम ने टार्च की रोशनी से गाड़ी रोकने का इशारा किया। पुलिस से करीब 150 मीटर पहले गाड़ी ड्राइवर ने रोक दी। गाड़ी में मौजूद अरशद ने ड्राइविंग सीट पर बैठे सतीश से कहा- पुलिस का घेरा है। जितनी जल्दी हो सके...गाड़ी भगा लो। इसके बाद सतीश ने स्टेयरिंग घुमाकर गाड़ी चौसाना की तरफ दौड़ा दी। अरशद अपने साथियों के साथ इसी सफेद ब्रेजा से भागने का प्रयास कर रहा था। गाड़ियां दौड़ती रहीं, डेड पॉइंट पर बदमाश फंसे इधर, इंस्पेक्टर सुनील कुमार ने भी पुलिस टीम के साथ पीछा करना शुरू किया। अरशद आगे-आगे, पुलिस पीछे-पीछे थी। 2 किलोमीटर तक लुकाछिपी का खेल चलता रहा। उदपुर भट्‌टे के पास रोड एक तरफ मुड़ी थी। बदमाश यहां तक पहुंचे, मगर रास्ता आगे बंद था।

अरशद के साथ कार में मौजूद बदमाश कार से बाहर नहीं आए, अंदर ही बैठे रहे। वह सोच ही रहे थे कि अब क्या करना है? तब तक पीछे से एसटीएफ पहुंच गई। अब सुनील गाड़ी से उतरकर अटैकिंग पोजिशन में आ गए। उन्होंने गाड़ी के साइड में खुद को छिपाया और बदमाशों की लोकेशन लेने लगे। उन्होंने बदमाशों से हथियार छोड़कर बाहर आ जाने के लिए कहा। बदमाशों की तरफ से कोई जवाब नहीं आया।

इसी बीच अरशद और बाकी बदमाशों ने अंधाधुंध फायरिंग शुरू कर दी। कुछ गोलियां सुनील की गाड़ी पर आकर लगीं। पुलिस ने भी बदमाशों की तरफ गोलियां चलाई। बदमाश इतने एक्सपर्ट थे कि उनकी गोलियां पुलिस वालों के बिल्कुल नजदीक से निकल रही थीं। तभी दो गोली इंस्पेक्टर सुनील के पेट में आकर धंस गई। वह लहूलुहान होकर गिर पड़े।

ड्राइवर सतीश गाड़ी छोड़कर पिस्टल से गोली चलाते हुए भागा टीम लीडर को गिरते देखकर पुलिस वालों ने तेजी से घेराबंदी करना शुरू किया। इतने में अंधेरे में एक शख्स अरशद की गाड़ी की ड्राइविंग सीट से उतरकर भागता हुआ दिखा। वह पिस्टल से गोली चला रहा था,एसटीएफ ने उस बदमाश को पीछे की तरफ से घेरा, ताकि वह भाग न सके।

40 मिनट तक दो तरफ गोलीबारी के बाद अचानक बदमाशों की तरफ से गोली चलना बंद हो गईं। इसके बाद एसटीएफ और पुलिस टीम ने माइक पर अनाउंसमेंट किए। मगर कोई जवाब नहीं आया। पुलिस अपनी-अपनी लोकेशन से बाहर आकर आहिस्ता-आहिस्ता बदमाशों की तरफ बढ़ने लगी। करीब जाकर देखा तो कार के अंदर 3 बदमाश लहूलुहान पड़े मिले। पुलिस ने देखा कि उनकी सांसें थम चुकी हैं।

ड्राइविंग सीट छोड़कर भागा सतीश कुछ दूरी पर मिला पुलिस ने एनकाउंटर में मारे गए चारों बदमाशों की पहचान की। इनमें सहारनपुर निवासी अरशद, हरियाणा सोनीपत निवासी सतीश, करनाल निवासी मंजीत उर्फ ढिल्ला और करनाल निवासी मनबीर शामिल हैं। ड्राइवर सीट छोड़कर भागा सतीश कुछ दूर सड़क किनारे पड़ा मिला था। बदमाशों के एनकाउंटर में ढेर होने की जानकारी पुलिस टीम ने लखनऊ डीजीपी ऑफिस और एसटीएफ मुख्यालय को भेजी गई।

पुलिस ने बुलेटप्रूफ जैकेट तक नहीं पहनी अरशद पर 1 लाख का इनाम था। एसटीएफ उसको तलाश रही थी। सोमवार को लोकेशन मिलने के बाद एसटीएफ के 10 पुलिसकर्मी 2 गाड़ी में बदमाशों का पीछा कर रहे थे। बदमाश कारबाइन के अलावा दो पिस्टल, दो तमंचे और एक देसी बंदूक भी लिए हुए थे। बदमाशों के पास हथियार होने का अंदाजा पुलिस को नहीं था। इसलिए किसी ने बुलेटप्रूफ जैकेट भी नहीं पहनी। यही वजह रही कि बदमाशों द्वारा की गई अचानक फायरिंग में इंस्पेक्टर सुनील कुमार बच नहीं पाए औैर उनके पेट में गोली लग गईं।

2021 से अरशद ने संभाली गैंग की कमान मुकीम काला की मौत के बाद अरशद ने पूरा गैंग संभाला। इसके बाद करीब 20 से 25 लूट, हत्या और गैंगस्टर की वारदातों को अंजाम दिया। उसने हरियाणा, दिल्ली, वेस्ट यूपी के कई और लोगों को गैंग में जोड़ना शुरू किया। इसके बाद अपने हिसाब से पूरा नेटवर्क ऑपरेट कर रहा था। पुलिस के मुताबिक, अरशद ने गैंग में मुकीम गिरोह के सदस्य, रिजवान, वाजिद, सादर, हैदर, महताब,अकबर,नीरज, फरमान, हारुण, आसिफ, मुंशाद, बेशर और अजरू को शामिल किया था।