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विशालकाय धनुष व गदा पहुंची अयोध्या, राम मंदिर ट्रस्ट को समर्पित

अयोध्या: पंचधातु से निर्मित डेढ़ टन वजन की हनुमान गदा और एक टन का धनुष दो राम रथों के माध्यम से रविवार को अयोध्या पहुंचा। श्रीराम मंदिर के मुख्य पुजारी आचार्य सत्येंद्र दास ने इसे राम मंदिर के लिए स्वीकार किया। इन्हें अभी कारसेवक पुरम में रखा गया है। ट्रस्ट के अनुसार अभी यह निर्णय नहीं लिया गया है कि इसे कहां रखा जाएगा।

शिवगंज राजस्थान से आचार्य डॉ सरस्वती गौर की देखरेख में आने वाली गदा और धनुष वाले रथों को श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र के महामंत्री चंपत राय और राजस्थान विश्व हिंदू परिषद के संगठन मंत्री राजाराम ने वहां से केसरिया झंडी दिखाकर प्रस्थान कराया। पुजारी आचार्य सत्येंद्र दास के आवास पर डॉ. सरस्वती गौर ने गदा और धनुष उनके हवाले किया।इसे राजस्थान में सुमेरपुर के शिवगंज स्थित श्रीजी सनातन सेवा संस्थान ने बनवाया है। 

12 जून को रामरथ लेकर निकली यात्रा राजस्थान से पांच पड़ाव पार कर अयोध्या पहुंची है। पहला पड़ाव बर, दूसरा जयपुर,राजस्थान से कारसेवकपुरम पहुंची विशालकाय गदा।दो राम रथों से अयोध्या आई डेढ़ टन वजन की हनुमान गदा व एक टन का धनुष रामधनुष व गदा की खासियत राम धनुष-बाण और गदा राजस्थान के 20 कारीगरों ने 75 दिन में तैयार किया है। गंदा की लंबाई 26 फीट व ऊंचाई 12 फीट है। पंचधातु से बना है। धनुष बाण की लंबाई 33 फीट व ऊंचाई 26 फीट है। तीसरा आगरा में था। चौथा पड़ाव लखनऊ व पांचवा पड़ाव अयोध्या है। हर पड़ाव में इस गदा व धनुष का पूजन व स्वागत किया गया। 

अयोध्या पहुंचने पर राम मंदिर मुख्य पुजारी सत्येंद्र दास महाराज द्वारा भी अंग वस्त्र देकर स्वागत किया गया। व हनुमानगढ़ के महंत बलराम दास महाराज जी द्वारा भी अंग वस्त्र देकर राजस्थान से आए हनुमान गदा और राम धनुष डॉ सरस्वती गौरी और उनके टीम का स्वागत किया और अंग वस्त्र दिया। इस दौरान राजस्थान से विशाल के गदा ,धनुष लेकर आए लोगों ने हनुमानगढ़, और रामलाल का दर्शन पूजन किया।