राष्ट्रीय लोक जनशक्ति पार्टी (आरएलजेपी) के संसदीय बोर्ड अध्यक्ष और पूर्व सांसद सूरजभान सिंह ने पार्टी से इस्तीफा दे दिया है। सूरजभान देर रात लालू यादव और तेजस्वी यादव से मिलने राबड़ी देवी के आवास गए। वो राष्ट्रीय जनता दल (आरजेडी) में शामिल हो रहे हैं। सूरजभान ने रालोजपा के अध्यक्ष पशुपति पारस द्वारा तीसरा मोर्चा बनाकर बिहार विधानसभा चुनाव लड़ने के ऐलान के बाद पार्टी में लोकतंत्र खत्म होने का आरोप लगाया है। दो दिन पहले रालोजपा की पटना में बैठक हुई थी, जिसमें पारस ने बताया था कि महागठबंधन से उन्हें चार सीट ऑफर हुई है, लेकिन यह बहुत कम है। उन्होंने कहा था कि अगले दो दिनों में वो अपने पार्टी का फैसला बता देंगे।
रालोजपा अध्यक्ष पशुपति पारस ने पटना में बुधवार को संवाददाता सम्मेलन में तीसरा मोर्चा के साथ चुनाव लड़ने के फैसले की जानकारी दी। उन्होंने कहा कि राज्य की 243 सीटों पर समान विचारधारा के अन्य दलों के साथ गठबंधन बनाकर रालोजपा मजबूती से चुनाव लड़ेगी। पारस ने कुछ दिन पहले कहा था कि उनके भतीजे चिराग पासवान की लोक जनशक्ति पार्टी रामविलास (एलजेपी-आर) जहां-जहां कैंडिडेट देगी, उनकी पार्टी वहां-वहां लड़ेगी। पारस ने अपने भाई की बनाई पार्टी और उसके पांच सांसदों को तोड़कर रालोजपा का गठन किया था।
पशुपति पारस के तीसरा मोर्चा बनाकर लड़ने के ऐलान के बाद रालोजपा केंद्रीय संसदीय बोर्ड के अध्यक्ष और राष्ट्रीय उपाध्यक्ष सूरजभान सिंह ने पार्टी के सभी पदों और प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा दे दिया है। सूरजभान सिंह ने त्यागपत्र देते हुए कहा कि पार्टी में आंतरिक लोकतंत्र पूरी तरह से समाप्त हो गया है। चर्चा है कि सूरजभान सिंह की पूर्व सांसद पत्नी वीणा देवी मोकामा से राजद के टिकट पर अनंत सिंह के खिलाफ विधानसभा चुनाव लड़ सकती हैं। सूरजभान सिंह के परिवार में उनके साथ-साथ पत्नी और भाई चंदन सिंह पूर्व सांसद हैं।