Breaking News

IPL 2024: राजस्थान ने चेन्नई को दिया 142 रनों का टारगेट     |   दिल्ली: चांदनी चौक की एक दुकान में लगी आग, दमकल की 13 गाड़ियों को मौके पर भेजा गया     |   आज पटना में रोड शो करेंगे पीएम मोदी, शाम 6:30 बजे से होगी शुरुआत     |   संदेशखाली पुलिस ने एक BJP कार्यकर्ता को किया अरेस्ट, पार्टी कार्यकर्ताओं ने शुरू किया विरोध प्रदर्शन     |   हरियाणा: फ्लोर टेस्ट के लिए विशेष सत्र बुला सकती है सरकार     |  

NewsClick case: दिल्ली पुलिस ने आरोप-पत्र दाखिल किया, पुरकायस्थ का नाम शामिल

दिल्ली पुलिस ने समाचार पोर्टल न्यूज़क्लिक के खिलाफ गैर-कानूनी गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम (यूएपीए) के तहत दर्ज एक मामले में शनिवार को 8000 से ज्यादा पन्नों का आरोप-पत्र दायर किया, जिसमें पोर्टल और इसके संस्थापक प्रबीर पुरकायस्थ को आरोपी बनाया गया है। पोर्टल एवं पुरकायस्थ पर अपनी कहानियों के जरिए चीन समर्थक प्रचार के लिए भारी मात्रा में धन प्राप्त करने का आरोप है। दिल्ली पुलिस के विशेष प्रकोष्ठ ने अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश हरदीप कौर के समक्ष अंतिम रिपोर्ट दाखिल की।

स्पेशल पब्लिक प्रॉसिक्यूटर अखंड प्रताप सिंह और सूरज राठी के अनुसार, आरोप-पत्र में पुरकायस्थ एवं पीपीके न्यूजक्लिक स्टुडियो प्राइवेट लिमिटेड को आरोपी बनाया गया है। अदालत के सूत्रों ने कहा है कि आरोप-पत्र में संलग्नकों के साथ 8000 से ज्यादा पन्ने हैं। मामले की अगली सुनवाई के लिए 16 अप्रैल की तारीख तय की गई है।

पुलिस ने पिछले साल यूएपीए की धारा 13, 16, 17, 18 और 22 के साथ-साथ भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धारा 153ए (धर्म, जाति, जन्म स्थान, निवास, भाषा आदि के आधार पर अलग-अलग समूहों के बीच दुश्मनी बढ़ाना और सद्भाव बनाए रखने के लिए प्रतिकूल कार्य करना) और धारा 120बी (आपराधिक साजिश) के तहत मामला दर्ज किया था।

अदालत ने दिल्ली पुलिस को पहले पिछले साल दिसंबर में और फिर इस साल फरवरी में आरोप-पत्र दाखिल करने के लिए मोहलत बढ़ाई थी। बाद में, 20 मार्च को, सरकारी अभियोजकों की दलीलों पर ध्यान देने के बाद अंतिम रिपोर्ट दाखिल करने के लिए आवश्यक समय को फिर से 10 दिनों के लिए बढ़ा दिया गया था।

पुलिस ने तीन अक्टूबर, 2023 को न्यूज़क्लिक के संस्थापक प्रबीर पुरकायस्थ और मानव संसाधन विभाग के प्रमुख अमित चक्रवर्ती को भी गिरफ्तार कर लिया। इस साल जनवरी में, अदालत ने चक्रवर्ती के उस आवेदन को स्वीकार कर लिया था, जिसमें अदालत से सरकारी गवाह बनने की अनुमति मांगी गई थी।