भोपाल, 15 अक्टूबर (भाषा) मध्यप्रदेश की राजधानी भोपाल स्थित अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) से प्लाज़्मा की चोरी के मामले में छह लोगों को गिरफ्तार कर उनके पास से लगभग 12 लाख रुपये कीमत के 1,123 यूनिट प्लाज़्मा बरामद किए गए हैं। एक पुलिस अधिकारी ने बुधवार को यह जानकारी दी।
फ्रेस फोजन प्लाज़्मा (एफएफपी)की चोरी की सूचना 29 सितंबर को एम्स के सुरक्षा अधिकारी ज्ञानेंद्र प्रसाद ने दी, जिसके बाद बागसेवनिया पुलिस थाना में प्राथमिकी दर्ज कर मामले की जांच शुरू की गई।
एक विशेषज्ञ ने बताया कि एफएफपी रक्त के तरल हिस्से से बनता है। इसका इस्तेमाल रक्त जमने की दर कम होने या दूसरे रक्त प्रोटीन के स्तर में कमी का इलाज करने के लिए होता है।
भोपाल जोन-दो के अतिरिक्त पुलिस उपायुक्त गौतम सोलंकी ने पत्रकारों को बताया कि सुराग और तकनीकी जांच के आधार पर पुलिस ने अंकित केलकर और एक अन्य व्यक्ति के खिलाफ भारतीय न्याय संहिता की धारा 305(ए)के तहत प्राथमिकी दर्ज की।
उन्होंने बताया कि अपराध की गंभीरता को देखते हुए बागसेवनिया पुलिस थाने की टीम ने प्रभारी अमित सोनी के नेतृत्व में कार्रवाई की और चार अक्टूबर को मुख्य आरोपी अंकित केलकर को गिरफ्तार कर लिया। केलकर एम्स भोपाल के ब्लड बैंक का संविदा कर्मी था।
उन्होंने बताया कि केलकर ने पूछताछ के दौरान खुलासा किया कि उसने अपने साथी अमित जाटव और लकी पाठक के साथ मिलकर इस चोरी को अंजाम दिया है।
सोलंकी ने बताया कि अंकित (26), अमित (25) और लकी (30) तीनों एक-दूसरे को जानते थे और उन्होंने एम्स भोपाल के ब्लड बैंक से प्लाज्मा चोरी करने की योजना बनाई थी। उन्होंने बताया कि 18 सितंबर 2025 से 2 सितंबर 2025 के बीच एफएफपी प्लाज्मा के 1150 पैकेट चोरी करने का खुलासा हुआ। आरोपी चोरी किए गए प्लाज्मा को दवा कंपनियों को बेचने की योजना बना रहे थे, लेकिन वे ऐसा करने में असफल रहे।
उन्होंने कहा कि प्लाज्मा का उपयोग जले हुए मरीजों के लिए एल्वोविन बनाने के लिए किया जाता है और इसका उपयोग दवा कंपनियां विभिन्न दवाएं बनाने के लिए भी करती हैं। आरोपी लकी पाठक 10वीं पास है और उसका बड़ा भाई दीपक पाठक 12वीं पास है और एक अलग ब्लड बैंक में काम करता है।
सोलंकी के मुताबिक पूछताछ के दौरान आरोपी ने खुलासा किया कि यही कारण था कि आरोपी दीपक पाठक के विभिन्न राज्यों के ब्लड बैंकों से संपर्क थे।
अधिकारी ने बताया कि अंकित और अन्य लोगों से मिली जानकारी के आधार पर पुलिस ने बाद में दीपक पाठक (35), शाम बडगुजर (27) और करण चव्हाण (25) को गिरफ्तार किया।
उन्होंने बताया कि पुलिस ने उनके कब्जे से लगभग 11,72,000 रुपये की कीमत की 1,123 यूनिट प्लाज्मा (लगभग 224 लीटर) बरामद की और आरोपियों से 8,57,000 रुपये नकद जब्त किए।
सोलंकी ने कहा कि अंकित केलकर पिछले तीन सालों से भोपाल एम्स की ब्लड बैंक शाखा का संविधा कर्मी था और उसे अस्पताल की भौगोलिक स्थिति की पूरी जानकारी थी। इसका फायदा उठाकर आरोपी ने अपने साथियों के साथ मिलकर प्लाज्मा चोरी की योजना बनाई।
भाषा दिमो धीरज
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