प्रयागराज, 15 अक्टूबर (भाषा) इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने रामपुर से समाजवादी पार्टी के सांसद मोहिबुल्लाह नदवी को अपनी चौथी पत्नी को मासिक गुजारा भत्ता देने या कानूनी परिणाम भुगतने का निर्देश दिया है।
हालांकि बकाया वसूली पर रोक लगाते हुए न्यायमूर्ति सुभाष चंद्र शर्मा ने बातचीत के जरिए इस वैवाहिक विवाद के किसी नतीजे पर पहुंचने के लिए मामले को इलाहाबाद उच्च न्यायालय के मध्यस्थता केंद्र के पास भेज दिया।
नदवी ने आगरा के अपर प्रधान न्यायाधीश (परिवार अदालत) द्वारा एक अप्रैल, 2024 को पारित आदेश को दरकिनार करने के अनुरोध के साथ यह पुनरीक्षण याचिका दायर की थी।
सुनवाई के दौरान, सांसद के वकील ने दलील दी कि यह मामला वैवाहिक विवाद से जुड़ा है और याचिकाकर्ता का इरादा सौहार्दपूर्ण ढंग से इस मामले को निपटाने का है।
याचिकाकर्ता के वकील की दलील मानते हुए अदालत ने कहा, मुकदमे की प्रकृति इस तरह की है जहां मध्यस्था प्रक्रिया के जरिए इस मामले का हल निकलने की संभावना है। इसलिए इसकी संभावना तलाशी जानी चाहिए।
हालांकि, अदालत ने 11 सितंबर के अपने आदेश में चेतावनी दी कि यदि याचिकाकर्ता उक्त राशि जमा करने में विफल रहते हैं या गुजारा भत्ता की मौजूदा राशि का भुगतान करने में विफल रहते हैं या मध्यस्थता विफल रहती है तो अंतरिम आदेश स्वतः ही समाप्त हो जाएगा।
भाषा सं राजेंद्र अविनाश
अविनाश