लखनऊ/दिल्ली, 15 अक्टूबर (भाषा) लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी शुक्रवार को दलित युवक हरिओम वाल्मीकि के परिवार से उत्तर प्रदेश के फतेहपुर में मुलाकात करेंगे जिसकी इस महीने की शुरुआत में रायबरेली जिले में कथित तौर पर चोर समझकर पीट-पीटकर हत्या कर दी गई थी। कांग्रेस नेताओं ने बुधवार को यह जानकारी दी।
उन्होंने बताया कि रायबरेली के सांसद राहुल गांधी वाल्मीकि के परिवार से मिलने के लिए उत्तर प्रदेश के फतेहपुर जिले का संक्षिप्त दौरा करेंगे।
राहुल गांधी के कार्यक्रम के मुताबिक वह शुक्रवार सुबह दिल्ली से आठ बजे एक विशेष विमान से कानपुर पहुंचेंगे। इसके बाद वह सड़क मार्ग से फतेहपुर जाएंगे तथा 9.15 से 9.45 बजे तक पीड़ित के परिवार से मिलेंगे। फिर वह कानपुर लौटकर असम के लिए रवाना होंगे।
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता असम दौरे के दौरान दिवंगत गायक जुबिन गर्ग के परिवार से मिलेंगे। जुबिन गर्ग की हाल ही में सिंगापुर में एक कार्यक्रम के दौरान मौत हो गई थी।
कांग्रेस की उत्तर प्रदेश इकाई के अध्यक्ष अजय राय ने बुधवार को कहा कि गांधी के दौरे का मकसद शोक संतप्त परिवार के साथ एकजुटता प्रकट करना और उन्हें न्याय का भरोसा दिलाना है।
राय ने ‘पीटीआई-भाषा’ को बताया, ‘‘राहुल गांधी शुरू से ही इस मामले पर करीब से नजर रख रहे हैं और उन्होंने पीड़ित परिवार से बात की है। उनके दौरे का मकसद अन्याय के शिकार लोगों के साथ खड़े रहने के कांग्रेस पार्टी की प्रतिबद्धता को दोहराना है।’’
गांधी का प्रस्तावित उत्तर प्रदेश दौरा मंगलवार को हरियाणा के आईपीएस अधिकारी वाई पूरण कुमार के परिवार से मिलने के लिए चंडीगढ़ दौरे के ठीक बाद हो रहा है। पूरण कुमार ने कथित तौर पर आत्महत्या कर ली थी और एक सुसाइड नोट छोड़ा था जिसमें आठ वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों पर जाति के आधार पर भेदभाव करने, ‘‘मानसिक रूप से परेशान करने, सार्वजनिक रूप से अपमानित करने और अत्याचार करने’’ का आरोप लगाया गया है।
गांधी ने चंडीगढ़ दौरे के दौरान ‘सभी दलितों के सम्मान’ की अपील की। उन्होंने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और हरियाणा सरकार से तुरंत कार्रवाई करने और जिम्मेदार अधिकारियों को गिरफ्तार करने का भी आह्वान किया।
फतेहपुर जिले के हरिओम वाल्मीकि को दो अक्टूबर की रात पड़ोसी जिले रायबरेली के ऊंचाहार इलाके के जमुनापुर गांव के पास चोर समझकर पीट-पीटकर मार डाला गया था।
इस घटना से जनाक्रोश फैल गया। कांग्रेस और समाजवादी पार्टी समेत विपक्षी पार्टियों ने भाजपा सरकार पर दलितों की सुरक्षा करने और भीड़ की हिंसा को रोकने में नाकाम रहने का आरोप लगाया।
हमले के बाद, पुलिस ने मामला दर्ज किया और अब तक 14 लोगों को गिरफ्तार किया है, जिसमें मुख्य आरोपी भी शामिल है। मुख्य आरोपी को 10 अक्टूबर को एक मुठभेड़ के बाद पकड़ा गया था।
इस मामले में कथित लापरवाही के लिए दो उपनिरीक्षक समेत पांच पुलिसकर्मियों को भी निलंबित किया गया है।
अधिकारियों ने कहा कि इस घटना में संलिप्त अन्य लोगों का पता लगाने की कोशिश की जा रही है, जिनके पड़ोसी जिलों या राज्यों में भागने की आशंका है।
रायबरेली पुलिस ने स्पष्ट किया कि गिरफ़्तार किए गए आरोपियों में दलित और पिछड़े समुदायों समेत अलग-अलग जातियों के हैं। उसने लोगों से इस घटना को जाति का रंग न देने की अपील की।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने भी मामले पर संज्ञान लिया और 11 अक्टूबर को लखनऊ में वाल्मीकि की पत्नी संगीता वाल्मीकि और परिवार के दूसरे सदस्यों से मुलाकात की।
आदित्यनाथ ने उन्हें न्याय का भरोसा दिलाया और परिवार के एक सदस्य को सरकारी नौकरी, मुख्यमंत्री आवासीय योजना के तहत घर और राज्य के कल्याण कार्यक्रमों का लाभ दिलाने घोषणा की।
आदित्यनाथ ने कहा था कि आरोपियों को 24 घंटे के अंदर गिरफ़्तार कर लिया गया और दलितों और पिछड़े समुदायों की सुरक्षा एवं सम्मान सुनिश्चित करना सरकार की सबसे बड़ी प्राथमिकता है।
भाषा जफर मनीष हक
धीरज
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