(तस्वीरों के साथ)
चंडीगढ़, 15 अक्टूबर (भाषा) हरियाणा में भारतीय पुलिस सेवा (आईपीएस) के वरिष्ठ अधिकारी वाई पूरण कुमार द्वारा कथित रूप से आत्महत्या किए जाने के आठ दिन बाद बुधवार को उनका अंतिम संस्कार कर दिया गया।
इससे पहले कुमार के शव का आज पीजीआईएमईआर में पोस्टमार्टम किया गया। उनकी पत्नी ने मामले की निष्पक्ष जांच की उम्मीद जताई है ताकि ‘जल्द से जल्द मामले में न्याय हो सके।’
सेक्टर 25 स्थित श्मशान घाट पर भावुक दृश्य देखने को मिला, जहां शोक व्यक्त करने वाले लोग उनके पक्ष में नारे लगा रहे थे। अंतिम संस्कार से पहले उनकी पत्नी और हरियाणा की वरिष्ठ नौकरशाह अमनीत पी कुमार, दोनों बेटियों और पत्नी के भाई व पंजाब के ‘आप’ विधायक अमित रतन ने उन्हें श्रद्धांजलि दी।
पूरण कुमार की दोनों बेटियों ने चिता को मुखाग्नि दी।
कुमार की पुलिस की वर्दी और पुलिस टोपी को कुछ समय के लिए उनके पार्थिव शरीर पर रखा गया, उसके बाद उनकी चिता को मुखाग्नि दी गई।
पुलिस की एक टुकड़ी ने दिवंगत आईपीएस अधिकारी को ‘गार्ड ऑफ ऑनर’ दिया।
साल 2001 बैच के आईपीएस अधिकारी पूरण कुमार (52) ने सात अक्टूबर को सेक्टर 11 स्थित अपने निजी आवास पर कथित तौर पर आत्महत्या कर ली थी।
अंतिम संस्कार में विभिन्न दलों के कई नेता शामिल हुए। हरियाणा के मंत्री कृष्ण लाल पंवार और श्याम सिंह राणा, पंजाब विधानसभा अध्यक्ष कुलतार सिंह संधवा, कांग्रेस नेता पवन कुमार बंसल और हरियाणा में कांग्रेस विधायक अशोक अरोड़ा, पूजा चौधरी और निर्मल सिंह भी अंतिम संस्कार में शामिल हुए।
अंतिम संस्कार में शामिल हुए वरिष्ठ अधिकारियों में हरियाणा के मुख्य सचिव अनुराग रस्तोगी, राज्य के पुलिस महानिदेश (डीजीपी) ओ पी सिंह, चंडीगढ़ के डीजीपी सागर प्रीत हुड्डा और हरियाणा की अतिरिक्त मुख्य सचिव (गृह) सुमिता मिश्रा शामिल थे।
विभिन्न दलित संगठनों के प्रतिनिधि भी उपस्थित थे।
मंत्री पंवार और राणा सहित अनेक व्यक्तियों ने श्रद्धांजलि स्वरूप पुष्पांजलि अर्पित की।
श्मशान घाट परिसर के बाहर कुछ लोगों ने हरियाणा सरकार के खिलाफ नारे लगाए।
इससे पहले पोस्ट ग्रेजुएट इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल एजुकेशन एंड रिसर्च (पीजीआईएमईआर) में पोस्टमार्टम पूरा होने के बाद पार्थिव शरीर को चंडीगढ़ स्थित उनकी पत्नी एवं आईएएस अधिकारी अमनीत कुमार के आवास पर ले जाया गया।
बाद में, पार्थिव शरीर को वाहन में ले जाया गया, जिसके आगे की ओर पुलिस वर्दी में कुमार की तस्वीर लगाई गई थी। वाहन को सेक्टर 25 स्थित श्मशान घाट ले जाया गया, जो कुमार के सेक्टर 24 स्थित आवास से थोड़ी ही दूरी पर है।
विभिन्न दलित संगठनों के प्रतिनिधि भी उपस्थित थे। श्मशान घाट पर बड़ी संख्या में सुरक्षाकर्मी तैनात किए गए थे।
मांगों को लेकर पोस्टमार्टम और दाह संस्कार पर कई दिनों तक विरोध दर्ज कराने के बाद, मृतक अधिकारी के परिवार ने अंततः पोस्टमार्टम के लिए सहमति दे दी। अधिकारी ने सात अक्टूबर को कथित तौर पर आत्महत्या कर ली थी।
दिवंगत वरिष्ठ अधिकारी की पत्नी अमनीत कुमार ने एक बयान में कहा कि चंडीगढ़ पुलिस से निष्पक्ष और पारदर्शी जांच का आश्वासन मिलने तथा हरियाणा सरकार द्वारा कानून के अनुसार किसी भी दोषी अधिकारी के खिलाफ उचित कार्रवाई करने की प्रतिबद्धता जताए जाने के मद्देनजर उन्होंने दिवंगत आईपीएस अधिकारी वाई पूरण कुमार के पोस्टमार्टम के लिए सहमति दे दी।
इसके बाद स्नातकोत्तर चिकित्सा शिक्षा एवं अनुसंधान संस्थान (पीजीआईएमईआर) में कुमार का पोस्टमार्टम किया गया।
पुलिस ने पहले एक बयान में बताया था कि पोस्टमार्टम के लिए चिकित्सकों का एक बोर्ड गठित किया गया था, जिसमें वीडियोग्राफी और फोटोग्राफी की व्यवस्था की गई थी।
दोपहर में जारी एक बयान में पीजीआईएमईआर ने कहा, 'हरियाणा कैडर के आईपीएस अधिकारी वाई पूरण कुमार का पोस्टमार्टम बुधवार को पीजीआईएमईआर में विधिवत गठित मेडिकल बोर्ड द्वारा उचित प्रक्रियाओं का पालन करते हुए किया गया।'
पीजीआईएमईआर के बयान में कहा गया है, 'पोस्टमार्टम रिपोर्ट (चंडीगढ़ पुलिस) विशेष अन्वेषण दल के जांच अधिकारी को सौंपी जाएगी... वाई पूरण कुमार के पार्थिव शरीर को सम्मानपूर्वक परिवार के सदस्यों को सौंप दिया गया है।'
अमनीत कुमार ने एक बयान में कहा, ‘‘केंद्र शासित प्रदेश की पुलिस से निष्पक्ष और पारदर्शी जांच का आश्वासन मिलने तथा हरियाणा सरकार द्वारा कानून के अनुसार किसी भी दोषी अधिकारी के खिलाफ उचित कार्रवाई करने की प्रतिबद्धता जताए जाने के मद्देनजर मैंने दिवंगत आईपीएस अधिकारी वाई पूरण कुमार के पोस्टमार्टम के लिए सहमति दे दी है।’’
उन्होंने कहा, ‘‘समय पर पोस्टमार्टम के साक्ष्यों के महत्व और न्याय के व्यापक हित को ध्यान में रखते हुए मैं निर्धारित प्रक्रिया के अनुसार गठित चिकित्सकों के बोर्ड, एक बैलिस्टिक विशेषज्ञ (अपराध को सुलझाने के लिए आग्नेयास्त्रों, गोला-बारूद और प्रक्षेप्य साक्ष्य के विश्लेषण में विशेषज्ञता रखने वाले विशेषज्ञ) की उपस्थिति में, एक मजिस्ट्रेट की निगरानी में और पूरी पारदर्शिता सुनिश्चित करने के लिए समूची प्रक्रिया की वीडियोग्राफी के साथ पोस्टमार्टम कराने पर सहमत हूं।’’
हरियाणा की वरिष्ठ आईएएस अधिकारी ने कहा, 'मुझे न्यायपालिका और पुलिस अधिकारियों पर पूरा भरोसा है और मुझे पूरी उम्मीद है कि जांच पेशेवर, निष्पक्ष और समयबद्ध तरीके से की जाएगी, ताकि कानून के अनुसार सच्चाई सामने आ सके।'
उन्होंने कहा कि जांच दल को उनका पूरा सहयोग जारी रहेगा ताकि प्रक्रिया में तेजी आए और जल्द से जल्द 'न्याय मिले'।
कुमार द्वारा कथित तौर पर छोड़े गए आठ पन्नों के 'अंतिम नोट' में उन्होंने आठ वरिष्ठ आईपीएस अधिकारियों पर जाति-आधारित भेदभाव, लक्षित मानसिक उत्पीड़न, सार्वजनिक अपमान और अत्याचार का आरोप लगाया है।
हरियाणा सरकार ने मंगलवार को डीजीपी शत्रुजीत कपूर को छुट्टी पर भेज दिया। यह कदम इसलिए उठाया गया क्योंकि विपक्ष ने पुरन कुमार की संदिग्ध आत्महत्या को लेकर भाजपा सरकार पर हमला किया था, और पूरण कुमार के परिवार ने उन अफसरों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की थी, जिन पर उन्हें परेशान करने का आरोप है।
पिछले सप्ताह राज्य सरकार ने नरेंद्र बिजारणिया को भी रोहतक के पुलिस अधीक्षक के पद से स्थानांतरित कर दिया था।
इस बीच दिन में, हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने मंगलवार को कथित तौर पर आत्महत्या करने वाले सहायक उप-निरीक्षक (एएसआई) संदीप कुमार के परिवार से मुलाकात की और अपनी संवेदना व्यक्त की। एएसआई ने दिवंगत महानिरीक्षक पूरण कुमार पर भ्रष्टाचार के आरोप लगाए थे।
मुख्यमंत्री सैनी, मंत्री महिपाल ढांडा और कृष्ण लाल पंवार तथा भाजपा के वरिष्ठ नेता मनीष ग्रोवर के साथ बुधवार को लाढौत गांव पहुंचे और शोकाकुल परिवार को सांत्वना दी।
एक आधिकारिक बयान में कहा गया है, ‘‘मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने रोहतक के लाढौत गांव का दौरा किया और शोक संवेदना व्यक्त की। उन्होंने परिवार को उचित कार्रवाई का आश्वासन दिया।’’
एक अधिकारी ने लाढौत गांव में संवाददाताओं को बताया कि एएसआई के परिवार ने न्याय की मांग की है।
राज्य पुलिस बल में भेदभाव और भ्रष्टाचार के आरोपों के बीच दोनों अधिकारियों की आत्महत्या का रहस्य और गहरा गया है।
संदीप कुमार ने एक कथित वीडियो और अपने एक नोट में गंभीर आरोप लगाए थे। छह मिनट के इस वीडियो और सुसाइड नोट को एएसआई ने अपना 'अंतिम नोट' बताया है और इसमें पूरण कुमार पर भ्रष्टाचार के आरोप लगाए गए थे और कहा गया था कि वरिष्ठ आईपीएस अधिकारी ने 'परिवार को अपमान से बचाने के लिए' आत्महत्या कर ली।
भाषा
नोमान पवनेश
पवनेश