नयी दिल्ली, 15 अक्टूबर (भाषा) राष्ट्रमंडल खेल के कार्यकारी बोर्ड ने बुधवार को 2030 राष्ट्रमंडल खेलों के प्रस्तावित मेजबान के रूप में अहमदाबाद के नाम की सिफारिश की जिससे भारत में दो दशक के बाद इस प्रतिष्ठित प्रतियोगिता की वापसी का रास्ता साफ हो रहा है।
मेजबानी पर अंतिम फैसला 26 नवंबर को राष्ट्रमंडल खेल की आम सभा की बैठक में लिया जाएगा। इससे पहले सिफारिश को राष्ट्रमंडल खेल के सभी सदस्यों के पास भेजा जाएगा। खेलों की मेजबानी का अधिकार प्राप्त करना भारत के लिए 2036 में अहमदाबाद में ओलंपिक खेलों की मेजबानी के लक्ष्य में भी महत्वपूर्ण होगा।
भारत को नाइजीरिया से प्रतिस्पर्धा का सामना करना पड़ रहा था लेकिन राष्ट्रमंडल खेल ने भविष्य के खेलों के लिए इस अफ्रीकी देश की मेजबानी की महत्वाकांक्षाओं को ‘समर्थन और गति प्रदान करने के लिए एक रणनीति विकसित करने’ का निर्णय लिया है जिसमें 2034 खेलों की मेजबानी पर विचार भी शामिल है।
राष्ट्रमंडल खेल ने प्रेस विज्ञप्ति में कहा, ‘‘राष्ट्रमंडल खेल के कार्यकारी बोर्ड ने आज पुष्टि की है कि वह 2030 शताब्दी राष्ट्रमंडल खेलों के लिए प्रस्तावित मेजबान शहर के रूप में भारत के अहमदाबाद की सिफारिश करेगा।’’
विज्ञप्ति के अनुसार, ‘‘अहमदाबाद का नाम अब राष्ट्रमंडल खेलों के सभी सदस्यों के पास भेजा जाएगा जिस पर अंतिम फैसला 26 नवंबर को ग्लासगो में राष्ट्रमंडल खेल महासभा में लिया जाएगा।’’
यह सिफारिश राष्ट्रमंडल खेल मूल्यांकन समिति की देखरेख में चली प्रक्रिया के बाद की गई है। इसमें ‘तकनीकी वितरण, खिलाड़ियों के अनुभव, बुनियादी ढांचे, संचालन और राष्ट्रमंडल खेल मूल्यों के साथ संरेखण’ के आधार पर उम्मीदवार शहरों का मूल्यांकन किया गया।
विज्ञप्ति में कहा गया, ‘‘भारत के अहमदाबाद और नाइजीरिया के अबुजा दोनों ने आकर्षक प्रस्ताव प्रस्तुत किए जो राष्ट्रमंडल खेल आंदोलन की महत्वाकांक्षा और क्षमता को दर्शाते हैं।’’
भारत ने 2010 के सत्र की मेजबानी नयी दिल्ली में की थी।
राष्ट्रमंडल खेल के अंतरिम अध्यक्ष डॉ. डोनाल्ड रुकारे ने कहा कि कार्यकारी बोर्ड को भारत और नाइजीरिया दोनों के प्रस्ताव ‘प्रेरक’ लगे लेकिन अंततः 2030 के लिए अहमदाबाद को चुना गया।
उन्होंने कहा, ‘‘कार्यकारी बोर्ड ने मूल्यांकन समिति के निष्कर्षों पर ध्यानपूर्वक विचार किया है और हमारे सदस्यों के लिए अहमदाबाद की सिफारिश कर रहा है और अब हम ग्लासगो में होने वाली आम सभा की प्रतीक्षा कर रहे हैं जहां हमारे सदस्य अंतिम निर्णय लेंगे।’’
रुकारे ने कहा, ‘‘बोर्ड नाइजीरिया के प्रस्ताव की दूरदर्शिता और महत्वाकांक्षा से प्रभावित है और भविष्य में मेजबानी के अवसरों की तलाश के लिए उनकी टीम के साथ काम करना जारी रखने की हमारी प्रतिबद्धता से सहमत है। यह निर्णय राष्ट्रमंडल खेलों को अफ्रीकी महाद्वीप तक ले जाने के हमारे दृढ़ संकल्प को दर्शाता है।’’
भारतीय ओलंपिक संघ (आईओए) की अध्यक्ष और राष्ट्रमंडल खेल संघ (भारत) की प्रमुख पीटी उषा ने कहा कि शताब्दी राष्ट्रमंडल खेलों की मेजबानी करना भारत के लिए ‘असाधारण सम्मान’ होगा।
उन्होंने कहा, ‘‘ये खेल ना केवल भारत की विश्वस्तरीय खेल और आयोजन क्षमताओं का प्रदर्शन करेंगे बल्कि विकसित भारत 2047 की ओर हमारी राष्ट्रीय यात्रा में भी एक सार्थक भूमिका निभाएंगे।’’
उषा ने कहा, ‘‘हम 2030 के खेलों को अपने युवाओं को प्रेरित करने, अंतरराष्ट्रीय साझेदारी को मजबूत करने और राष्ट्रमंडल में साझा भविष्य में योगदान देने के एक सशक्त अवसर के रूप में देखते हैं।’’
अहमदाबाद ने हाल ही में राष्ट्रमंडल भारोत्तोलन चैंपियनशिप की मेजबानी की थी और शहर के खेल बुनियादी ढांचे को भी बड़े पैमाने पर होने वाली बहु खेल प्रतियोगिताओं के सफल आयोजन के लिए उन्नत किया जा रहा है।
सरदार वल्लभभाई पटेल खेल एन्क्लेव उन प्रमुख आयोजन स्थलों में से एक है जो वर्तमान में निर्माणाधीन हैं और नरेंद्र मोदी क्रिकेट स्टेडियम के अलावा इसे एक जलीय खेल केंद्र और एक फुटबॉल स्टेडियम के साथ-साथ इनडोर खेलों के लिए दो एरेना के लिए डिजाइन किया गया है।
ग्लासगो में आयोजित होने वाले 2026 के राष्ट्रमंडल खेलों के बजट को काफी कम कर दिया गया है। शहर पूरी प्रतियोगिता को आठ मील (लगभग 12 किमी) के दायरे में आयोजित करने का इरादा रखता है और उसने बजट को 11 करोड़ 40 लाख पाउंड (1300 करोड़ रुपये से अधिक) रखा है।
परिणामस्वरूप कुश्ती, निशानेबाजी, बैडमिंटन और हॉकी जैसे कुछ प्रमुख खेलों को 10 खेलों की सूची से बाहर रखा गया है।
हालांकि आईओए ने स्पष्ट कर दिया है कि 2030 के खेलों का एक विस्तृत कार्यक्रम होगा जिसमें ग्लासगो द्वारा हटाए गए सभी खेल शामिल होंगे।
भाषा सुधीर मोना
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