मैसुरु (कर्नाटक), 15 अक्टूबर (भाषा) कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धरमैया ने बुधवार को कहा कि मंत्री प्रियंक खरगे को फोन पर धमकियां मिलने के मद्देनजर उनकी सुरक्षा बढ़ा दी जाएगी।
उन्होंने कहा कि बुरी ताकतें इसी तरह व्यवहार करती हैं और खरगे को डराया नहीं जा सकता।
मुख्यमंत्री ने मैसुरु में संवाददाताओं से कहा, ‘‘उन्होंने (प्रियंक खरगे) मुझे यह भी बताया था कि उन्हें फोन पर धमकियां दी जा रही हैं। उन्हें कौन धमका रहा है? खरगे ने केवल इतना कहा है कि तमिलनाडु की तरह सरकारी संपत्तियों पर राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के शिविर नहीं लगाए जाने चाहिए।'
प्रियंक खरगे का पत्र मिलने के बाद सिद्धरमैया ने कर्नाटक की मुख्य सचिव शालिनी रजनीश से यह देखने को कहा है कि द्रविड मुनेत्र कषगम (द्रमुक) के नेतृत्व वाली तमिलनाडु सरकार ने सार्वजनिक संपत्ति पर आरएसएस की गतिविधियों को प्रतिबंधित करने के लिए क्या किया है।
जब उनसे पूछा गया कि क्या वह सरकारी संपत्ति पर आरएसएस की गतिविधियों पर रोक लगाएंगे तो सिद्धरमैया ने कहा, ‘‘पहले मुझे रिपोर्ट देखने दीजिए। मुझे देखना है कि तमिलनाडु सरकार ने क्या किया है।’’
सिद्धरमैया ने कहा, ‘‘हम प्रियंक खरगे की सुरक्षा बढ़ाएंगे।’’
जब उनसे कहा गया कि भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) कांग्रेस को आरएसएस की गतिविधियों पर प्रतिबंध लगाने की चुनौती दे रही है तो सिद्धरमैया ने कहा, ‘‘उन्होंने (भाजपा ने) विधानसभा चुनावों के दौरान भी चुनौती दी थी। लेकिन क्या हुआ? क्या वे हारे नहीं?’’
‘जाति जनगणना’ नाम से जारी सामाजिक और शैक्षिक सर्वेक्षण के बारे में मुख्यमंत्री ने कहा, ‘‘बेंगलुरु शहर को छोड़कर हर जगह सर्वेक्षण ज़ोर-शोर से हो रहा है। हर जगह सर्वेक्षण 90 प्रतिशत को पार कर गया है।’’
श्रीनिवासपुरा से जनता दल(एस) विधायक जी. के. वेंकटशिव रेड्डी द्वारा विपक्षी दलों के विधायकों को कोष जारी करने में भेदभाव के आरोपों पर सिद्धरमैया ने कहा, ‘‘जब जद(एस) सत्ता में थी तो उसने हमारे विधायकों के साथ भेदभाव किया था।’’
हालांकि उन्होंने स्पष्ट किया कि उनकी सरकार जद (एस) द्वारा किए गए कार्यों को नहीं दोहरा रही है।
मुख्यमंत्री ने कहा, ‘‘हम राज्य के सर्वांगीण विकास में विश्वास रखते हैं और हम सभी विधायकों को समान रूप से कोष देंगे।’’
भाषा यासिर नरेश
नरेश