रांची, 15 अक्टूबर (भाषा) भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) के अध्यक्ष वी. नारायणन ने बुधवार को छात्रों से आग्रह किया कि वे याद रखें कि सहानुभूति, सहयोग और उद्देश्य सफलता के प्रमुख स्तंभ हैं।
बिड़ला इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी (बीआईटी), मेसरा के 35वें दीक्षांत समारोह को मुख्य अतिथि के रूप में संबोधित करते हुए नारायणन ने कहा कि जो व्यक्ति कल्पना और रचनात्मकता का उपयोग करता है, वह उस व्यक्ति पर हावी हो जाता है जिसके पास अधिक संसाधन होते हैं।
उन्होंने कहा, “जब आप अपनी पेशेवर यात्रा शुरू करते हैं, तो यह याद रखना महत्वपूर्ण है कि सहानुभूति, सहयोग और उद्देश्य सफलता के प्रमुख स्तंभ हैं।”
इसरो प्रमुख ने कहा, “अपने कार्यों में उन मूल्यों और ज्ञान को प्रतिध्वनित करें जो आपने इस प्रतिष्ठित संस्थान में जीवन को बदलने और विश्व की विकट चुनौतियों का समाधान करने के लिए अर्जित किए हैं। बधाई हो, और अनंत अवसरों से भरा एक उज्ज्वल भविष्य आपका इंतजार कर रहा है।”
नारायणन ने छात्रों से आग्रह किया कि वे बड़े सपने देखें, लक्ष्य बनाएं, ऊंचे लक्ष्य निर्धारित करें और उसके लिए काम करें।
उन्होंने कहा, “बौद्धिक शिक्षा मन को प्रभावित करती है, जबकि मूल्य आधारित शिक्षा हृदय को प्रभावित करती है। बौद्धिक शिक्षा के साथ उच्च शैक्षणिक रिकॉर्ड वाला व्यक्ति अगर मूल्य आधारित शिक्षा में दिवालिया हो तो समाज के किसी काम का नहीं है।”
बीआईटी मेसरा के 35वें दीक्षांत समारोह में 1,000 स्नातक छात्रों, 320 स्नातकोत्तर छात्रों, 75 पीएचडी छात्रों और 65 डिप्लोमा धारकों को उपाधियां प्रदान की गईं। इसके अतिरिक्त, उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाले छात्रों को निरंतर शैक्षणिक उत्कृष्टता के लिए स्वर्ण पदक प्रदान किए गए।
बीआईटी मेसरा के चांसलर सीके बिड़ला ने कहा, “दीक्षांत समारोह न केवल एक शैक्षणिक यात्रा का समापन है, बल्कि जिज्ञासा और नवाचार की आजीवन खोज की शुरुआत भी है। आज दुनिया ऐसे नेताओं की मांग कर रही है जो स्पष्टता से सोच सकें, ईमानदारी से काम कर सकें और उद्देश्यपूर्ण निर्माण कर सकें।”
भाषा
प्रशांत माधव
माधव