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निर्णयों में जनहित को केंद्र में रखें निवेशकों के हितों का प्रतिनिधित्व करने वाले निदेशक:सेबी प्रमुख

नयी दिल्ली, 15 अक्टूबर (भाषा) बाजार नियामक सेबी के चेयरमैन तुहिन कांत पांडेय ने बुधवार को आम लोगों और निवेशकों के हितों का प्रतिनिधित्व करने करने वाले स्वतंत्र निदेशकों से यह सुनिश्चित करने का आह्वान किया कि बाजार अवसंरचना संस्थानों (एमआईआई) के संचालन मंडल के सभी प्रमुख निर्णयों में ‘जनहित’ का नजरिया केंद्र में रहे।

पांडेय ने जनहित निदेशक (पीआईडी) सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा कि एमआईआई को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि बोर्ड की बैठकों के दौरान जनहित निदेशकों के सभी हस्तक्षेपों का उचित रूप से रिकॉर्ड रखा जाए।

जनहित निदेशक (पीआईडी) एक स्वतंत्र निदेशक होता है जो प्रतिभूति बाजार में आम जनता और निवेशकों के हितों का प्रतिनिधित्व करता है

सेबी प्रमुख ने एमआईआई परिवेश के भीतर पीआईडी ​​को ‘विश्वास के संरक्षक’ के रूप में वर्णित करते हुए कहा, ‘‘आपकी भूमिका भरोसे की है। साथ ही नैतिक और संस्थागत भी है। आप केवल अनुपालन देखने के लिए नहीं हैं।’’

सेबी प्रमुख ने पीआईडी ​​से आग्रह किया कि वे महत्वपूर्ण कार्यों के साथ नियामकीय या अनुपालन से जुड़े कामों के लिए वित्तीय और मानव संसाधनों की पर्याप्तता का आकलन करते समय अपनी स्वतंत्रता का प्रयोग करें। साथ ही उन्हें संचालन और परिचालन संबंधी मुद्दों पर चर्चा करने के लिए प्रबंधन या प्रमुख प्रबंधकीय कर्मियों (केएमपी) के बिना अलग-अलग बैठकें आयोजित करने की सलाह दी।

पांडेय ने पीआईडी ​​से बोर्ड के विचार-विमर्श में स्वतंत्र निर्णय लेने और उनके द्वारा पहचाने गए किसी भी जोखिम को सक्रिय रूप से उजागर करने का भी आह्वान किया।

उन्होंने कहा, ‘‘अपने संस्थान की संचालन संस्कृति को मजबूत करने वाले नियंत्रण और संतुलन को सुदृढ़ करें।’’

भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (सेबी) के प्रमुख ने कहा कि जैसे-जैसे बाजार बढ़ेंगे, पीआईडी ​​की भूमिका और भी चुनौतीपूर्ण होती जाएगी।

उन्होंने पीआईडी ​​से आग्रह किया कि वे ‘शेयरधारकों की वैध अपेक्षाओं को अपने संस्थान के अपरिहार्य सार्वजनिक उद्देश्य के साथ संतुलित करें...।’

भाषा रमण अजय

अजय