नयी दिल्ली, 15 अक्टूबर (भाषा) पशु-मुक्त प्रोटीन, हरित अमोनिया और द्वि-दिशात्मक चार्जिंग उन प्रमुख तकनीकी नवाचारों में से हैं जो दुनिया में घरों को बिजली देने, खाद्य पदार्थों को उगाने और मीठे पानी को सुरक्षित रखने के तरीके को बदलकर जलवायु संरक्षण की कार्रवाई को गति दे सकते हैं। बुधवार को एक नए अध्ययन में यह बात सामने आई।
विज्ञान आधारित सामग्री के प्रकाशक ‘फ्रंटियर्स’ के सहयोग से तैयार की गई विश्व आर्थिक मंच की रिपोर्ट में ‘जलवायु कार्रवाई और पृथ्वी के स्वास्थ्य के लिए 10 परिवर्तनकारी नवाचारों’ को सूचीबद्ध किया गया है।
विश्व आर्थिक मंच ने कहा कि इनमें से कई महत्वपूर्ण प्रौद्योगिकियां पहले से मौजूद हैं, लेकिन अभी भी इनका कम उपयोग किया जा रहा है और जलवायु चुनौतियों के व्यावहारिक, मापे जा सकने वाले समाधान के रूप में उनकी क्षमता को उजागर करना राजनीतिक इच्छाशक्ति, वित्तीय और भौतिक निवेश और जन जागरूकता पर निर्भर करेगा।
साल 2024 में, वैश्विक तापमान पूरे वर्ष पूर्व-औद्योगिक स्तर से 1.5 डिग्री सेल्सियस ऊपर रहा और वर्तमान अनुमानों के अनुसार, 2100 तक दुनिया में संभावित रूप से विनाशकारी 3 डिग्री सेल्सियस तापमान वृद्धि होने की संभावना है।
रिपोर्ट में कहा गया है कि इन तकनीकों में न केवल उत्सर्जन में कटौती करने की क्षमता है, बल्कि समाजों को क्षति के अनुकूल होने और उसकी मरम्मत करने में भी मदद मिलेगी, साथ ही यह भी जानकारी मिलेगी कि इन समाधानों को प्रभावी ढंग से कैसे लागू किया जा सकता है।
विश्व आर्थिक मंच के प्रबंध निदेशक जेरेमी जुर्गेंस ने कहा, ‘‘जलवायु परिवर्तन की तात्कालिक वास्तविकताएं स्पष्ट हैं, लेकिन जो कम दिखाई दे रहा है वह यह है कि पहले से उपलब्ध तकनीकें और समाधान प्रदान करने के लिए उनका नए तरीकों से कैसे उपयोग किया जा सकता है।’’
‘फ्रंटियर्स’ के मुख्य कार्यकारी संपादक फ्रेडरिक फेंटर ने कहा कि नवाचार को प्रभाव में बदलने के लिए खुला विज्ञान और विभिन्न क्षेत्रों में साझेदारी आवश्यक है।
उन्होंने कहा, ‘‘यह रिपोर्ट दर्शाती है कि कोई भी एक तकनीक अचूक उपाय नहीं है, लेकिन साथ मिलकर ये सभी हमें एक स्वस्थ ग्रह और सभी के लिए अधिक टिकाऊ भविष्य की ओर ले जाने में मदद कर सकती हैं।’’
भाषा वैभव मनीषा
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