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गुवाहाटी, 15 अक्टूबर (भाषा) पिछले महीने सिंगापुर में गायक जुबिन गर्ग की मौत के सिलसिले में गिरफ्तार किए गए पांच लोगों को पुलिस रिमांड खत्म होने के बाद बुधवार को न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया।
नॉर्थ ईस्ट इंडिया फेस्टिवल (एनईआईएफ) के मुख्य आयोजक श्यामकानु महंत, जुबिन के प्रबंधक सिद्धार्थ शर्मा, उनके चचेरे भाई एवं पुलिस अधिकारी संदीपन गर्ग और उनके निजी सुरक्षा अधिकारियों (पीएसओ) नंदेश्वर बोरा एवं प्रबीन बैश्य को कामरूप के मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट ने न्यायिक हिरासत में भेज दिया।
अदालत ने उनकी सुरक्षा को लेकर चिंता व्यक्त करते हुए यह भी आदेश दिया कि उन्हें ऐसी जेल में भेजा जाए जहां कम कैदी हों।
एक अधिकारी ने बताया कि इसके बाद अधिकारियों ने सभी पांचों आरोपियों को मुसलपुर स्थित बक्सा जेल में स्थानांतरित करने का फैसला किया, जिसका उद्घाटन दो महीने पहले हुआ था और जहां अभी कोई कैदी नहीं है।
पिछले महीने सिंगापुर में गायक की मौत के सिलसिले में महंत और शर्मा को एक अक्टूबर को दिल्ली में गिरफ्तार किया गया था और उन पर भारतीय न्याय संहिता (बीएनएस) की विभिन्न धाराओं के तहत गैर इरादतन हत्या, आपराधिक साजिश और लापरवाही से मौत का कारण बनने का मामला दर्ज किया गया था जिसमें बाद में हत्या के आरोप भी जोड़े गए।
दोनों को 14 दिनों की पुलिस हिरासत में भेजा गया था, जो मंगलवार को समाप्त हो गई।
जुबिन गर्ग के चचेरे भाई और असम पुलिस के डीएसपी संदीपन गर्ग को आठ अक्टूबर को गिरफ्तार किया गया और सात दिन की पुलिस हिरासत में भेज दिया गया।
कामरूप जिले के बोको-चायगांव के सह-जिला पुलिस अधीक्षक के प्रभारी के रूप में कार्यरत संदीपन को गिरफ्तारी के दिन ही निलंबित कर दिया गया था।
पुलिस अधिकारी गायक के साथ सिंगापुर गए थे और जुबिन के अंतिम क्षणों में नौका पर मौजूद थे।
गायक के दो निजी सुरक्षा अधिकारियों (पीएसओ) को 10 अक्टूबर को गिरफ्तार किया गया और उन्हें पांच दिन की पुलिस हिरासत में भेज दिया गया।
दो अन्य - जुबिन के बैंड के सदस्य शेखर ज्योति गोस्वामी और गायक अमृतप्रभा महंत को तीन अक्टूबर को गिरफ्तार किया गया और उन्हें 14 दिनों की पुलिस हिरासत में भेज दिया गया।
अपराध जांच विभाग (सीआईडी) ने महंत के खिलाफ कथित संगठित वित्तीय अपराधों और ‘‘धन शोधन के जरिए भारी मात्रा में ‘बेनामी’ संपत्ति अर्जित करने’’ के आरोप में एक अलग जांच भी शुरू की है।
असम सरकार ने 19 सितंबर को समुद्र में डूबने से गायक की सिंगापुर में हुई मौत की जांच के लिए 10 सदस्यीय एसआईटी (विशेष जांच दल) का गठन किया था।
महंत, शर्मा और कई अन्य के खिलाफ राज्य भर में 60 से अधिक प्राथमिकी दर्ज की गईं जिसके बाद मुख्यमंत्री ने पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) को सभी प्राथमिकी को सीआईडी को स्थानांतरित करने और गहन जांच के लिए सभी प्राथमिकी को मिलाकर एक मामला दर्ज करने का निर्देश दिया था।
भाषा सुरभि वैभव
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