वाशिंगटन, 15 अक्टूबर (एपी) इंस्टाग्राम पर किशोरों की पहुंच अब केवल ‘पीजी -13’ सामग्री तक ही सीमित होगी और माता-पिता की अनुमति के बिना वे अपनी ‘सेटिंग’ नहीं बदल पाएंगे। मेटा ने मंगलवार को यह घोषणा की।
पीजी (‘पेरेंटल गाइडेंस’ यानी अभिभावकीय मार्गदर्शन) -13 तक पहुंच सीमित होने का तात्पर्य है कि किशोर इंस्टाग्राम पर केवल ऐसी तस्वीरें एवं वीडियो देख सकेंगे जो 13 साल से कम उम्र के बच्चों के लिए उपयुक्त होते हैं और जिनमें अश्लील सामग्री, नशीले पदार्थों का सेवन एवं खतरनाक करतब आदि दिखाने वाली सामग्री नहीं होती।
मेटा ने मंगलवार को एक ‘ब्लॉग पोस्ट’ में कहा, ‘‘ कठोर भाषा वाली, कुछ जोखिम भरे करतब दिखाने वाली और हानिकारक व्यवहार को संभावित रूप से प्रोत्साहित करने वाली सामग्री को छिपाया जाएगा या अनुशंसित नहीं किया जाएगा।’’
इंस्टाग्राम पर 18 वर्ष से कम आयु के हर व्यक्ति के ‘अकाउंट’ की ‘सेटिंग’ स्वत: ही प्रतिबंधित किशोर ‘अकाउंट’ के रूप में तब तक रहेगी जब तक कि उसके माता-पिता या अभिभावक उसे इसे हटाने की अनुमति न दे दें।
किशोरों के अकाउंट’ स्वत: ही निजी होते हैं और उनके उपयोग पर कुछ प्रतिबंध होते हैं तथा उन पर अधिक ‘‘संवेदनशील’’ सामग्री नजर नहीं आती लेकिन बच्चे सोशल मीडिया पर ‘साइन अप’ करते समय अपनी उम्र के बारे में अक्सर झूठ बोलते हैं। मेटा ने हालांकि ऐसे ‘अकाउंट’ का पता लगाने के लिए कृत्रिम बुद्धिमत्ता का उपयोग करना शुरू कर दिया है लेकिन कंपनी ने यह बताने से इनकार कर दिया कि इस साल की शुरुआत में यह सुविधा शुरू करने के बाद से उसने कितने ऐसे ‘अकाउंट’ का पता लगाया है कि जिसमें नाबालिगों ने अपनी आयु गलत बताई थी।
मेटा ने पहले ही वादा किया है कि वह किशोरों को आत्म-क्षति, खान-पान संबंधी विकार या आत्महत्या से संबंधित पोस्ट समेत अनुचित सामग्री नहीं दिखाएगा।
गैर-लाभकारी संस्था ‘फेयरप्ले’ के कार्यकारी निदेशक जोश गोलिन ने कहा कि उन्हें ‘‘इस बात पर बहुत संदेह है कि इसे कैसे लागू किया जाएगा।’’
‘पेरेंट्सटुगेदर’ की कार्यकारी निदेशक एलेन अर्रेजा ने भी संशय जताते हुए कहा, ‘‘मेटा ने पहले भी कई वादे किए हैं और हमने हर बार देखा है कि पीआर अभियानों में लाखों रुपये बहा दिए जाते हैं जबकि वास्तव में सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए पर्याप्त कदम नहीं उठाए गए।’’
एपी सिम्मी मनीषा
मनीषा