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संजौली मस्जिद के पूरे ढांचे को किया जाएगा ध्वस्त, शिमला की जिला अदालत ने बरकरार रखा फैसला

Himachal Pradesh: शिमला की जिला अदालत ने गुरुवार को हिमाचल प्रदेश वक्फ बोर्ड और संजौली मस्जिद समिति की याचिका को खारिज करते हुए इस मस्जिद के पूरे ढांचे को ध्वस्त करने के नगर आयुक्त अदालत के फैसले को बरकरार रखा। मस्जिद की तीन मंजिलों को गिराने के अदालती आदेश का मस्जिद के अधिकारियों द्वारा पालन किया जा रहा था। लेकिन संजौली मस्जिद समिति ने आयुक्त न्यायालय के तीन मई के उस आदेश को चुनौती दी, जिसमें यहां संजौली में इस पांच मंजिला इमारत की शेष दो मंजिलों को गिराने का आदेश दिया गया था।

अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायाधीश यजुविंदर सिंह ने बृहस्पतिवार को आयुक्त अदालत के फैसले पर रोक लगाने की अनुरोध वाली याचिकाओं को खारिज कर दिया। स्थानीय लोगों का प्रतिनिधित्व करने वाले वकील जगत पाल का कहना है कि जिला एवं सत्र अदालत ने मस्जिद की शेष दो मंजिलों को गिराने का निर्देश देते हुए कहा कि वक्फ बोर्ड और मस्जिद समिति अपनी याचिका के समर्थन में वैध दस्तावेज उपलब्ध कराने में असमर्थ हैं।

संजौली मस्जिद समिति के मुहम्मद लतीफ ने कहा कि समिति अब इस फैसले के खिलाफ उच्च न्यायालय का रुख करेगी और यदि आवश्यक हुआ तो वह उच्चतम न्यायालय का भी दरवाजा खटखटायेगी। आयुक्त की अदालत ने तीन मई को यह कहते हुए संजौली मस्जिद समिति और हिमाचल प्रदेश वक्फ बोर्ड को मस्जिद की शेष दो मंजिलों को ध्वस्त करने का निर्देश दिया था कि बोर्ड भूमि के स्वामित्व से संबंधित रिकॉर्ड प्रदान करने में विफल रहा है।

आयुक्त की अदालत ने पांच अक्टूबर, 2024 को संजौली मस्जिद समिति और वक्फ बोर्ड को पांच मंजिला मस्जिद की ऊपरी तीन मंजिलों को ध्वस्त करने का निर्देश दिया था, जो अवैध पाई गई थीं। ऊपरी तीन मंजिलों पर कुछ तोड़फोड़ का काम किया गया है।

मस्जिद समिति ने खुद ऊपरी तीन मंजिलों को गिराने की पेशकश की थी, लेकिन बाकी दो मंजिलों को गिराने का विरोध किया । विश्व हिंदू परिषद (विहिप) ने जिला अदालत के फैसले की सराहना करते हुए कहा है कि इससे ‘‘अवैध’’मस्जिद निर्माण से जुड़े इसी तरह के मामलों का रास्ता साफ होगा।