Jammu and Kashmir: केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने शुक्रवार को जम्मू कश्मीर के आर एस पुरा सीमावर्ती क्षेत्र में बाढ़ प्रभावित खेतों का दौरा किया और प्रभावित किसानों को भरोसा दिया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आशीर्वाद से केंद्र और राज्य सरकारें उनकी आजीविका बहाल करने और उन्हें इस आपदा से उबारने के लिए सभी जरूरी कदम उठाएंगी। ये क्षेत्र बासमती चावल के प्रचुर उत्पादन के लिए जाना जाता है। अगस्त के अंत में भारी बारिश के कारण आई बाढ़ से जम्मू खासकर आर एस पुरा क्षेत्र में हजारों हेक्टेयर भूमि बुरी तरह प्रभावित हुई है।
चौहान ने आर एस पुरा के ग्राम बडयाल ब्राह्मण में किसानों से कहा, ‘‘मैं यहां आपको ये बताने आया हूं कि केंद्र सरकार, राज्य सरकार के साथ मिलकर और प्रधानमंत्री के आशीर्वाद से किसानों को इस आपदा से उबारेगी। आपका दर्द हमारा दर्द है, आपकी पीड़ा हमारी पीड़ा है।’’ अपने मंत्रालय की एक उच्च-स्तरीय टीम के साथ, चौहान सीमावर्ती इलाकों में फसलों और खेतों का निरीक्षण करने के लिए एक इलाके से दूसरे इलाके में गए और कहा, ‘‘मैं कहने आया हूं, आंसू मत बहाइए। जब भी आपकी आंखों में आंसू आए, हमें भी पीड़ा हुई। हम फिर से मिलकर कड़ी मेहनत करेंगे। केवल राजनाथ जी या अमित जी ही नहीं आए हैं, बल्कि केंद्र सरकार की टीम भी यहां आपके पास पहुंची है।’’
ये कहते हुए कि वे लोगों का दर्द बांटने आए हैं, मंत्री ने कहा, ‘‘मैं यहां एक मंत्री के तौर पर आपसे औपचारिक रूप से मिलने नहीं आया हूं। मैं एक विनम्र सेवक के तौर पर आया हूं। जब किसी किसान की फसल बर्बाद होती है, तो केवल फसल ही नहीं, बल्कि उसका और उसके बच्चों का भविष्य भी बर्बाद होता है। हम आपको इस आपदा से बाहर निकालेंगे।’’ चौहान ने उन खेतों का निरीक्षण किया जहां रेत ने खड़ी फसलों को चौपट कर दिया था। इस दौरान चौहान ने कहा कि केंद्र और राज्य की कई टीम ने सर्वेक्षण किया है और नुकसान का आकलन करने के लिए रिपोर्ट सौंपेंगे।
उन्होंने कहा, ‘‘हमने रेत की परतों से ढके खेतों को देखा जहां फसलें लहलहाती थीं, लेकिन सब्जियां, बासमती धान, मक्का- सब फसल दफन हो गई है।" चौहान ने कहा, ‘‘आप प्रधानमंत्री की चिंता समझ सकते हैं। आप जानते हैं कि वे आपके लिए क्या महसूस करते हैं। कई मंत्री पहले ही यहां आ चुके हैं, हाल ही में राजनाथ सिंह जी और अमित शाह जी भी आए थे और आज कृषि मंत्री के रूप में मैं आपके सामने हूं।’’
मंत्री ने कहा कि केंद्र की टीम की तरफ से आकलन की रिपोर्ट मिलने के बाद केंद्र राहत प्रदान करने में कोई कसर नहीं छोड़ेगा। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार की टीम, जिसमें सभी विभागों के अधिकारी शामिल थे, यहां आकर सर्वेक्षण कर चुकी है। उन्होंने कहा, ‘‘सर्वेक्षण के बाद टीम अपनी रिपोर्ट देगी। राज्य सरकार की अपनी खुद की रिपोर्ट भी मिलेगी। नुकसान का आकलन जारी है।’’ उन्होंने कहा कि रिपोर्ट आने के बाद केंद्र सरकार राहत प्रदान करने में कोई कसर नहीं छोड़ेगी, क्योंकि जम्मू कश्मीर इस देश की शान है। उन्होंने कहा, ‘‘हम मुसीबत से लड़ेंगे और आपको इस संकट से बाहर निकालेंगे।’’
केंद्रीय मंत्री ने कहा कि राज्य सरकार को ये तय करना होगा कि जहां भी लोगों के खेतों में रेत जमा हो गई है, वो रेत उस जमीन के मालिक को दी जाए। उन्होंने कहा, ‘‘मैं इस बारे में मुख्यमंत्री से भी चर्चा करूंगा। रेत किसान को ही दी जानी चाहिए, ताकि किसान उसे बेच सके या हटाकर जमीन को फिर से खेती योग्य बना सके।’’
चौहान ने कहा कि राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल (एनडीआरएफ) के पास रेत हटाने के प्रावधान हैं और केंद्र इस योजना को लागू करने के लिए राज्य के साथ समन्वय स्थापित करेगा। उन्होंने ये भी कहा कि वे राहत कार्यों में तेजी लाने के लिए जम्मू कश्मीर के मुख्यमंत्री और राज्य के अधिकारियों के साथ इस मामले पर चर्चा करेंगे।