Punjab: पंजाब के विभिन्न जिलों के बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में बचाव एवं राहत अभियान गुरुवार को जारी रहा, हालांकि कई गांव तथा निचले इलाके अब भी जलमग्न हैं। जिला प्रशासन ने सेना, राष्ट्रीय आपदा राहत बल, सीमा सुरक्षा बल और राज्य एजेंसियों की मदद से बचाव अभियान जारी रखा लेकिन स्थिति अब भी गंभीर बनी हुई है।
अमृतसर जिला प्रशासन ने रामदास क्षेत्र के जलमग्न गांवों में फंसी महिलाओं, बच्चों और बुजुर्गों सहित कई लोगों को निकाला। रावी नदी के बढ़ते जलस्तर के कारण क्षेत्र में फंसे लोगों को बचाने के लिए नौकाओं और अन्य वाहनों को तैनात किया गया हे।
एक अधिकारी ने बताया कि अमृतसर की उपायुक्त साक्षी साहनी ने जालंधर के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक (ग्रामीण) मनिंदर सिंह और अतिरिक्त उपायुक्त रोहित गुप्ता के साथ बचाव अभियान की निगरानी की। प्रभावित गांवों में घोनेवाला, मच्छीवाला, मंगू नारू, शहजादा, जट्टां, कोट गुरबख्श, पशियान, निसोके, सिंघोके, महमद, मुंडरावाला, घग्गर, धर्माबाद, रामदास, शामपुरा, नंगल सोहल, रुरेवाल, पंडोरी, लंगरपुर, गालिब और बेदी चन्ना शामिल हैं।
अधिकारी ने बताया कि बचाए गए लोगों को राहत सामग्री और भोजन दिया गया तथा सुरक्षित स्थानों पर ले जाया गया। हिमाचल प्रदेश तथा जम्मू कश्मीर में भारी बारिश के कारण सतलुज, ब्यास और रावी नदियों समेत बरसाती नदी-नालों का जलस्तर बढ़ गया है, जिससे नदियों के किनारे बसे कई गांव और कृषि भूमि जलमग्न हैं।
पठानकोट, गुरदासपुर, फाजिल्का, कपूरथला, तरनतारन, फिरोजपुर, होशियारपुर और अमृतसर जिलों के गांव बाढ़ से सबसे अधिक प्रभावित हुए हैं। पंजाब सरकार ने राहत कार्यों की निगरानी और निवासियों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के मकसद से अपने पूरे मंत्रिमंडल को प्रभावित जिलों में भेज दिया है। मुख्यमंत्री भगवंत मान ने सभी मंत्रियों को स्थिति नियंत्रण में नहीं आ जाने तक क्षेत्र में रहने के निर्देश दिए हैं।