यूक्रेन ने साल की शुरुआत होते ही एक बार फिर रूस के कुर्स्क क्षेत्र में हमले शुरू कर दिए हैं. रूस रक्षा मंत्रालय ने जानकारी दी कि यूक्रेन की ओर से कुर्स्क रीजन में नए हमले हुए हैं, बयान में ये भी बताया गया कि हमलो को नाकाम करने के लिए ऑपरेशन जारी है. यूक्रेनी अधिकारियों की ओर से भी कुर्स्क क्षेत्र में एक नए ऑपरेशन चलाए जाने की जानकारी दी गई है.
यूक्रेन ने पिछले साल अगस्त में रूस के कुर्स्क क्षेत्र में घुसपैठ शुरू की थी और क्षेत्र के एक बड़े हिस्से पर कब्जा कर लिया था. हाल के महीनों में रूसी रक्षा बलों ने क्षेत्र में बड़ी बढ़त हासिल की है और यूक्रेनी सेना को पीछे धकेल दिया है, लेकिन उन्हें पूरी तरह से खदेड़ने में असफल रही है. इस हमले की मदद से यूक्रेन ने एक बार फिर कुर्स्क में खुद को एडवांस करने की कोशिश की है.
कब किया गया हमला?
रविवार को टेलीग्राम पर पोस्ट किए गए एक बयान में, रूस के रक्षा मंत्रालय ने कहा, “मॉस्को समय के मुताबिक करीब 9 बजे कुर्स्क दिशा में रूसी सैनिकों की ओर से किए गए आक्रमण को रोकने के लिए, दुश्मन ने दो टैंकों, एक काउंटर-ऑब्स्टेकल व्हीकल और 12 बख्तरबंद लड़ाकू व्हीकल्स से लैस टुकड़ी से जवाबी हमला किया.”
कई रूसी सैन्य ब्लॉगर्स ने हमले के बारे में ज्यादा जानकारी देते हुए कहा कि यह सुदज़ा में यूक्रेन के बेस से बर्डिन और बोल्शोये सोल्दात्स्कोये के गांवों की ओर शुरू किया गया था, जो कुर्स्क शहर के रास्ते में एक जिला केंद्र है.
हमले पर यूक्रेन की प्रतिक्रिया
यूक्रेनी सेंटर फॉर काउंटरिंग डिसइनफॉरमेशन के चीफ एंड्री कोवलेंको ने कहा कि यूक्रेनी सेना ने कुर्स्क में कई पोजीशन पर रूसी सेना के खिलाफ सरप्राइज अटैक किए हैं. वहीं यूक्रेनी राष्ट्रपति कार्यालय के प्रमुख एंड्री यरमक ने टेलीग्राम पोस्ट में कहा, “कुर्स्क क्षेत्र से अच्छी खबर है, रूस को वह मिल रहा है जिसका वह हकदार है.”
रूस ने निकाले अपने दो लाख नागरिक
यूक्रेन ने अगस्त के महीने में कुर्स्क क्षेत्र में घुसपैठ कर एक बड़ा इलाका अपने कब्जे में ले लिया था. जिसके बाद रूस ने सीमा से लगे इलाकों से करीब 2 लाख लोगों को निकाला है और राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने यूक्रेनी हमले की निंदा करते हुए इसे ‘बड़ी उकसावे वाली कार्रवाई’ बताया है.
यूक्रेन के शीर्ष कमांडर का दावा है कि यू्क्रेन ने 1,200 वर्ग किलोमीटर से ज़्यादा रूसी क्षेत्र और 93 गांवों पर नियंत्रण कर लिया है. हालांकि, इनमें से कुछ क्षेत्र रूस ने फिर से अपने कब्जे में ले लिए हैं.