अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने गुरुवार को घोषणा की कि उन्होंने कनाडा के साथ सभी व्यापार वार्ताएं खत्म कर दी हैं। ट्रंप ने आरोप लगाया कि कनाडा ने एक “झूठा और भ्रामक विज्ञापन” जारी किया था, जिसमें पूर्व राष्ट्रपति रोनाल्ड रीगन को टैरिफ (आयात शुल्क) के खिलाफ बोलते हुए दिखाया गया था।
ट्रंप ने अपने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ट्रुथ सोशल (Truth Social) पर लिखा, “उनके गंभीर और गलत व्यवहार के कारण, कनाडा के साथ सभी व्यापार वार्ताएं तुरंत समाप्त की जाती हैं।” यह फैसला ऐसे समय में आया है जब दोनों देशों के बीच पहले से ही व्यापार तनाव बढ़ा हुआ था। कुछ हफ्ते पहले ही ट्रंप की मुलाकात कनाडाई प्रधानमंत्री मार्क कार्नी से व्हाइट हाउस में हुई थी।
इससे पहले, ट्रंप ने कनाडाई आयात पर 35% टैरिफ लगाया था और धातु पर 50% तथा गाड़ियों पर 25% शुल्क लगाने की घोषणा की थी। इसके जवाब में कनाडा ने भी प्रतिशोधी कदम उठाए थे। हालांकि, अमेरिका-मेक्सिको-कनाडा समझौते (USMCA) के तहत आने वाले सामानों को इन शुल्कों से छूट दी गई थी।
दोनों देश कई हफ्तों से इस्पात और एल्युमिनियम जैसे क्षेत्रों में समझौते के लिए बातचीत कर रहे थे, लेकिन अब ट्रंप के इस ऐलान के बाद ये वार्ताएं पूरी तरह रुक गई हैं। कनाडाई प्रधानमंत्री मार्क कार्नी ने कहा कि अगर वार्ताएं असफल होती हैं, तो “कनाडा अपने बाज़ारों में अनुचित अमेरिकी पहुंच नहीं देगा।”
हाल के दिनों में, दोनों देशों के बीच रिश्तों में थोड़ी नरमी के संकेत मिले थे। ट्रंप ने भी कनाडा को लेकर अपने बयान कुछ हद तक शांत किए थे और प्रधानमंत्री कार्नी को व्हाइट हाउस आमंत्रित किया था। उस समय दोनों नेताओं ने आपसी सहयोग और व्यापार में सुधार की उम्मीद जताई थी।
लेकिन अब एक विवादास्पद विज्ञापन ने फिर से माहौल बिगाड़ दिया। इस विज्ञापन में रोनाल्ड रीगन को यह कहते हुए दिखाया गया था कि “टैरिफ से नौकरियां जाती हैं और व्यापार युद्ध शुरू होते हैं।” ट्रंप ने इसे फर्जी और धोखाधड़ी वाला विज्ञापन बताते हुए कहा कि यह “अमेरिकी अदालतों के फैसलों को प्रभावित करने की कोशिश” थी।
इसके बाद ट्रंप ने सोशल मीडिया पर कनाडा की कड़ी आलोचना की। कनाडाई प्रधानमंत्री कार्नी ने माना कि अब “व्यापक व्यापार समझौते की उम्मीद खत्म हो गई है” और कार आयात पर लगने वाले 25% शुल्क को हटाने की बातचीत अब अगले साल USMCA समीक्षा तक टल सकती है।
उन्होंने कहा, “अगर हम इन क्षेत्रों में प्रगति नहीं कर पाए, तो हम अपने श्रमिकों की सुरक्षा के लिए ज़रूरी कदम उठाएंगे।” कार्नी अब एशिया की नौ दिन की यात्रा पर जा रहे हैं, जहां उनकी ट्रंप से मुलाकात की संभावना भी जताई जा रही है।