मेहंदी आमतौर पर शादी से कुछ दिन पहले दूल्हा और दुल्हन के हाथों और पैरों पर लगाई जाती है. मेहंदी को सौभाग्य की निशानी माना जाता है. यह दूल्हा-दुल्हन और उनके परिवारों के बीच प्रेम को दर्शाता है. इसके अलावा दुल्हन की मेहंदी का रंग होने वाली दुल्हन और उसकी सास के बीच प्रेम को भी दर्शाता है. कुछ मान्यताओं के मुताबिक, मेहंदी का रंग होने वाले जोड़े के बीच प्यार को भी जताने का एक जरिया होता है. ऐसा कहा जाता है कि मेहंदी जितनी देर तक अपना रंग बरकरार रखती है, यह नए विवाहित जोड़े के लिए उतना ही भाग्यशाली होता है.
मेहंदी विवाह के बंधन का प्रतीक भी है, इसलिए इसे एक ‘शगुन’ माना जाता है. शादी के मौके पर सिर्फ दुल्हन ही नहीं बल्कि दूल्हे को भी मेहंदी लगाई लगाने की परंपरा है. दुल्हन को जहां बेहद खूबसूरत डिजाइनर मेहंदी लगाई जाती है, तो वहीं, दूल्हे को सिर्फ शगुन के तौर पर मेहंदी का छोटा सा टीका लगाया जाता है. दुल्हन के हाथों की मेहंदी का गहरा रंग पति-पत्नी के बीच के अटूट प्रेम को दर्शाता है.