मध्य प्रदेश के धार जिले के पीथमपुर में शुक्रवार को विरोध प्रदर्शन के बाद शनिवार को हालात सामान्य होने लगे। प्रदर्शन भोपाल में यूनियन कार्बाइड कारखाने से निकले 337 टन जहरीले कचरे के निपटान के राज्य सरकार के फैसले के विरोध में था। कचरे का निपटान पीथमपुर में किया जा रहा है, जिसका वहां के लोग विरोध कर रहे हैं।
पीथमपुर के लोगों को अंदेशा है कि जहरीले कचरे को वहां रखने और जलाने से पर्यावरण और स्वास्थ्य को नुकसान पहुंच सकता है। सरकार के फैसले के विरोध में संदीप सोलंकी नाम के प्रदर्शनकारी भूख हड़ताल पर थे। मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री मोहन यादव ने इस बारे में अदालतों में ताजा स्थिति की जानकारी दी। इसके बाद संदीप सोलंकी ने भूख हड़ताल तोड़ दी।
भोपाल की यूनियन कार्बाइड फैक्ट्री में दो-तीन दिसंबर 1984 की मध्यरात्रि जहरीली गैस का रिसाव हुआ था, जिसमें पांच हजार से ज्यादा लोग मारे गए थे और लाखों लोग तरह-तरह की बीमारियों के शिकार हो गए थे।
अदालत के आदेश पर अब जाकर जहरीले कचरे को जलाने के लिए 12 सीलबंद कंटेनरों में पीथमपुर भेजा गया है। मध्य प्रदेश उच्च न्यायालय ने दिसंबर 2024 में जहरीले कचरे को चार सप्ताह के भीतर नष्ट करने का आदेश दिया था।