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ओलंपिक 2024 से पहले भारत को बड़ा झटका, घुटने की चोट के चलते बाहर हुआ ये स्टार खिलाड़ी

New Delhi: लंबी कूद के दिग्गज खिलाड़ी मुरली श्रीशंकर ट्रेनिंग के दौरान घुटने की चोट के कारण पेरिस ओलंपिक से बाहर हो गए हैं और उन्हें सर्जरी करानी पड़ेगी जिसके कारण वो पूरे 2024 सत्र में नहीं खेल पाएंगे। एशियाई खेलों और राष्ट्रमंडल खेलों के रजत पदक विजेता श्रीशंकर ने 2023 एशियाई एथलेटिक्स चैंपियनशिप में 8.37 मीटर के प्रयास से रजत पदक जीतते हुए पेरिस ओलंपिक के लिए क्वालीफाई किया था। 

इस 25 वर्षीय खिलाड़ी को शंघाई/सुझोउ और दोहा में क्रमश: 27 अप्रैल और 10 मई को लगातार दो डाइमंड लीग प्रतियोगिता के साथ अपने सत्र की शुरुआत करनी थी लेकिन मंगलवार को ट्रेनिंग के दौरान उन्हें चोट लगी और उनका ओलंपिक में हिस्सा लेने का सपना टूट गया। 

श्रीशंकर ने सोशल मीडिया पोस्ट में कहा, ‘‘दुर्भाग्य से, ये बुरे सपने की तरह लगता है लेकिन ये हकीकत है, मेरा पेरिस ओलंपिक का सपना टूट गया है।’’ उन्होंने कहा, ‘‘मुझे मंगलवार को ट्रेनिंग के दौरान घुटने की चोट लगी और परीक्षण तथा परामर्श के बाद, ये फैसला किया गया कि मुझे सर्जरी कराने की जरूरत होगी।’’ 

श्रीशंकर ने कहा, ‘‘अपने पूरे जीवन में, मेरे अंदर प्रतिकूल हालात का सामना करने का साहस रहा है, उन स्थितियों को स्वीकार करना जिसे मैं बदल नहीं सकता। उन चीजोंमें सकारात्मक नतीजा हासिल करने के लिए कड़ी मेहनत करना जहां मैं कर सकता हूं।’’ 

पिछले साल जून में श्रीशंकर तीसरे स्थान पर रहकर डाइमंड लीग प्रतियोगिता में टॉप तीन में जगह बनाने वाले तीसरे भारतीय बने थे। हालांकि वो बुडापेस्ट में विश्व चैंपियनशिप के क्वालीफाइंग दौर से बाहर होने से निराश थे लेकिन हांगझोउ में एशियाई खेलों में रजत पदक जीतकर जोरदार वापसी की। 

श्रीशंकर ने कहा, ‘‘जिंदगी अजीब पटकथाएं लिखती है और कभी-कभी इसे स्वीकार करने और आगे बढ़ने में साहस होता है। मैं यही करूंगा।’’ उन्होंने कहा, ‘‘मेरी वापसी का सफर उसी क्षण शुरू हो गया जब मेरे घुटने में चोट लगी। ये रास्ता लंबा, कठिन होने वाला है और मेरे से बहुत कुछ छीन लेगा।’’ 

बॉस्केटबॉल के दिग्गज कोबे ब्रायंट को अपना आदर्श मानने वाले श्रीशंकर ने कहा, ‘‘अच्छी बात ये है कि मेरे पास देने के लिए बहुत कुछ है। मैं इससे निपट लूंगा क्योंकि मांबा मानसिकता का यही मतलब है।’’ शब्द ‘माम्बा मानसिकता’ लॉस एंजिल्स लेकर्स स्टार की जीवन और प्रतिस्पर्धा के प्रति मानसिकता और सकारात्मक नजरिये को दर्शाता है।