आंध्र प्रदेश में श्रीकाकुलम का ये मंदिर भगवान वेंकटेश्वर मंदिर की प्रतिकृति है। इसे 90 साल के एक भक्त ने बनाया है। ये तिरुमाला में भगवान वेंकटेश्वर के मशहूर मंदिर की प्रतिकृति है। मंदिर का शिल्प तिरुमाला मंदिर की तर्ज पर है। पूजा-पाठ में तिरुमाला मंदिर की परंपराओं का पालन किया जाता है। इसे हरि मुकुंद पांडा ने पूरी तरह अपने संसाधनों से बनाया है।
करीब दो दशक पहले तिरुमाला मंदिर में गए पांडा को अच्छा अनुभव नहीं हुआ था। लिहाजा उन्होंने अपने गांव में ही मंदिर बनाने का फैसला कर लिया। पांडा ने बताया कि उन्हें तिरुमाला से बिना दर्शन किए लौटना पड़ा था, जबकि उन्होंने टिकट भी खरीदा था और दर्शन के लिए घंटों इंतजार भी किया था। घर लौटने पर उन्होंने मां को दर्शन न होने की बात बताई। मां ने उन्हें गांव में ही असली मंदिर की प्रतिकृति बनाने के लिए प्रेरित किया। मंदिर का निर्माण हाल में पूरा हुआ है।
यहां आसपास से भारी संख्या में श्रद्धालु आने शुरू हो गए हैं। ये मंदिर पूरी तरह निजी पैसों से बनाया गया है। पांडा ने इसका निर्माण अपनी 13 एकड़ जमीन पर कराया है। इसे बनने में छह साल लगे। पांडा कहते हैं कि लोगों ने मंदिर बनाने के लिए दान की पेशकश की, लेकिन उन्होंने भगवान वेंकटेश्वर के प्रति अपनी श्रद्धा के कारण दान लेने से इनकार कर दिया।