पटना के एम्स में बिहार का पहला सफल लिवर ट्रांसप्लांट हुआ। ये राज्य के चिकित्सा इतिहास में एक ऐतिहासिक क्षण है। इस सर्जरी का नेतृत्व सर्जिकल गैस्ट्रोएंटरोलॉजी विभाग के डॉ. उत्पल आनंद की टीम ने किया। ये उपलब्धि एम्स पटना के कार्यकारी निदेशक डॉ. ब्रिगेडियर राजू अग्रवाल के मार्गदर्शन में संभव हुई, जिनके नेतृत्व में एडवांस ट्रांसप्लांट कार्यक्रम शुरू हुआ।
पूर्व कार्यकारी निदेशक डॉ. जी.के. पाल और डॉ. सौरभ वनय ने भी लिवर ट्रांसप्लांट सिस्टम की योजना बनाने और उसे स्थापित करने में अहम भूमिका निभाई। ये सर्जरी नई दिल्ली स्थित सीएलबीएस मैक्स अस्पताल के डॉ. सुभाष गुप्ता के नेतृत्व वाली विशेषज्ञ टीम के सहयोग से की गई। दोनों संस्थानों के डॉक्टरों ने मिलकर इस जटिल प्रक्रिया को सफलतापूर्वक पूरा किया।
डॉ. उत्पल आनंद ने कहा, "अभी तक कई राज्यों में इसी वजह से लिवर ट्रांसप्लांट शुरू नहीं हो पाया है। बिहार दूसरा ऐसा राज्य है जहां लिवर ट्रांसप्लांट शुरू हुआ है। लिवर ट्रांसप्लांट का मतलब है कि एक तरह से ये प्रमाणित हो गया है कि पटना का विभाग बहुत ऊंचे स्तर पर जाएगा। क्योंकि आम तौर पर, आप लिवर ट्रांसप्लांट सामान्य तरीके से नहीं कर सकते। ये अस्पताल को एक तरह से दूसरे स्तर पर ले जाता है, जिसकी कोई तुलना नहीं है। इसलिए ये इतना महत्वपूर्ण है, और ये एक मील का पत्थर जैसा लगता है।"
एम्स पटना के कई विभागों ने इस ट्रांसप्लांट को सफल बनाने के लिए मिलकर काम किया, जिनमें एनेस्थिसियोलॉजी, मेडिकल गैस्ट्रोएंटरोलॉजी, रेडियोलॉजी, ट्रॉमा सर्जरी, पैथोलॉजी, ट्रांसफ्यूजन मेडिसिन, क्रिटिकल केयर और नर्सिंग टीमें शामिल हैं।
पटना के एम्स में हुआ बिहार का पहला सफल लिवर ट्रांसप्लांट
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