Breaking News

अमृतसर: अजनाला में 3 हैंड ग्रेनेड और RDX बरामद     |   अफगानिस्तान ने पाकिस्तान के कई सैनिकों को बंदी बनाने का दावा किया     |   अहमदाबाद में हो सकते हैं 2030 कॉमनवेल्थ गेम्स, 26 नवंबर को होगा फैसला     |   तमिलनाडु: AIADMK कल विधानसभा में कोल्ड्रिफ और किडनी रैकेट का मुद्दा उठाएगी     |   पाकिस्तान, अफगानिस्तान 48 घंटे के अस्थायी युद्धविराम पर सहमत     |  

एमपॉक्स को विश्व स्वास्थ्य संगठन ने क्यों ग्लोबल हेल्थ इमरजेंसी घोषित किया?

विश्व स्वास्थ्य संगठन ने बुधवार को अफ्रीका में कांगो और उसके पड़ोसी देशों में एमपॉक्स के बढते मामलों को देखते हुए इसे ग्लोबल हेल्थ इमरजेंसी घोषित कर दिया है। एमपॉक्स को मंकीपॉक्स के नाम से भी जाना जाता है। ये बीमारी इस साल अब तक कांगो समेत 10 अफ्रीकी देशों में पाई गई है। इसके करीब 96 फीसदी मामले कांगोे में सामने आए हैं।

एमपॉक्स संक्रामक बीमारी है जो मंकीपॉक्स वायरस से होती है। ये बीमारी ज्यादातर मध्य और पश्चिम अफ्रीका के कुछ हिस्सों में होती है। इस बीमारी में आम तौर पर बुखार, गले में खराश और सिरदर्द जैसे लक्षण के साथ स्किन पर चकत्ते हो जाते हैं।

ज्यादातर मरीज दो से चार सप्ताह के अंदर ठीक हो जाते हैं लेकिन बच्चों, गर्भवती महिलाओं और कमजोर इम्युन वाले लोगों में ये बीमारी गंभीर बन सकती है। कांगो में एमपॉक्स के 70 फीसदी से ज्यादा मामले में 85 फीसदी मौतें 15 साल से कम उम्र के बच्चों की हुई हैं। जैसे-जैसे केस बढते जा रहे हैं, ग्लोबल हेल्थ इमरजेंसी घोषित कर इस बीमारी को और ज्यादा फैलने से रोकने की कोशिशें तेज हो गई हैं।