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खाद्य वस्तुओं की जमाखोरी करने वाले पर होगी सख्त कार्रवाई, केंद्रीय मंत्री ने दी चेतावनी

Delhi: सरकार ने व्यापारियों और थोक विक्रेताओं को आवश्यक खाद्य वस्तुओं की जमाखोरी न करने की चेतावनी देते हुए शुक्रवार को कहा कि देश में घरेलू मांग की पूर्ति के लिए पर्याप्त खाद्य भंडार मौजूद है। सरकारी की ये चेतावनी ऐसे समय में आई है, जब भारत और पाकिस्तान के बीच संघर्ष बढ़ गया है और पाकिस्तान सीमावर्ती शहरों में बिना उकसावे के गोलाबारी और ड्रोन हमले कर रहा है। 

केंद्रीय खाद्य और उपभोक्ता मामलों के मंत्री प्रहलाद जोशी ने सोशल मीडिया पोस्ट में कहा, ‘‘देश में खाद्य भंडार के बारे में दुष्प्रचार फैलाने वाले संदेशों पर विश्वास न करें। हमारे पास पर्याप्त खाद्य भंडार है, जो आवश्यक मानदंडों से कहीं अधिक है। ऐसे संदेशों पर ध्यान न दें।’’ 

जोशी ने कहा, ‘‘आवश्यक वस्तुओं के व्यापार में संलग्न व्यापारी, थोक विक्रेता, खुदरा विक्रेता या व्यावसायिक संस्थाओं को कानून-प्रवर्तन एजेंसियों के साथ सहयोग करने का निर्देश दिया जाता है। जमाखोरी या भंडारण में लिप्त किसी भी व्यक्ति पर आवश्यक वस्तु अधिनियम की संबंधित धाराओं के तहत मुकदमा चलाया जाएगा।’’

भारत ने दो सप्ताह पहले पहलगाम में हुए घातक आतंकवादी हमले का बदला लेने के लिए बुधवार को पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर और पाकिस्तान में नौ जगहों पर हमला किया, जो दशकों में पाकिस्तान के अंदर सबसे बड़ा हमला था।

जोशी ने एक दिन पहले भी लोगों से आवश्यक वस्तुओं की जमाखोरी से जुड़ी अफवाहों पर ध्यान न देने का आग्रह करते हुए कहा था कि देश में सभी आवश्यक वस्तुओं का पर्याप्त से अधिक स्टॉक है। उन्होंने कहा था कि किसी भी तरह की कोई कमी नहीं है और किसी को भी ऐसी अफवाहों पर ध्यान नहीं देना चाहिए। मौजूदा फसल सत्र 2024-25 (जुलाई-जून) में सरकार ने 34 करोड़ 15.5 लाख टन खाद्यान्न उत्पादन का लक्ष्य रखा है।

खाद्यान्नों में धान, गेहूं, मोटे अनाज और दालें शामिल हैं। चालू फसल सत्र के खरीफ और रबी सत्र में देश का खाद्यान्न उत्पादन पहले ही 33 करोड़ 9.2 लाख टन तक पहुंच चुका है। ग्रीष्मकालीन (जायद) बुवाई के उत्पादन अनुमान अभी जारी नहीं किए गए हैं। खाद्यान्न खरीद और वितरण के लिए नोडल एजेंसी भारतीय खाद्य निगम के पास इस साल एक अप्रैल तक एक करोड़ 35.5 लाख टन गेहूं का भंडार था, जबकि बफर स्टॉक के लिए जरूरत 74.6 लाख टन की थी।