Breaking News

अमृतसर: अजनाला में 3 हैंड ग्रेनेड और RDX बरामद     |   अफगानिस्तान ने पाकिस्तान के कई सैनिकों को बंदी बनाने का दावा किया     |   अहमदाबाद में हो सकते हैं 2030 कॉमनवेल्थ गेम्स, 26 नवंबर को होगा फैसला     |   तमिलनाडु: AIADMK कल विधानसभा में कोल्ड्रिफ और किडनी रैकेट का मुद्दा उठाएगी     |   पाकिस्तान, अफगानिस्तान 48 घंटे के अस्थायी युद्धविराम पर सहमत     |  

हल्द्वानी में उत्तर भारत का पहला 'गम गार्डन', स्थानीय लोगों के लिए आजीविका का नया स्रोत

Uttarakhand: उत्तराखंड के हल्द्वानी में वन अनुसंधान केंद्र के अंदर उत्तर भारत का पहला 'गम गार्डन' है। 2018 में स्थापित इस उद्यान में 20 से 25 अलग-अलग किस्मों के 861 से ज्यादा गोंद उत्पादक पौधे हैं।

2018 में लगाए गए ये पेड़ अब प्राकृतिक गोंद पैदा करने के लिए तैयार हैं, जिससे स्थानीय लोगों को आय का एक नया स्रोत मिल रहा है। वन अनुसंधान केंद्र के अधिकारियों के अनुसार, इस उद्यान का निर्माण जैव विविधता के संरक्षण और यहां के लोगों के लिए स्थायी आय स्रोत उपलब्ध कराने के उद्देश्य से किया गया है।

मुख्य वन संरक्षक संजीव चतुर्वेदी ने बताया, "हमनें लाल कुआं में 2018 में ये एक इस तरह का जो है पार्क या गार्डन स्थापित किया था। इसमें लगभग 20-25 प्रजातियां गोंद और प्राकृतिक रंगों को दोनों को मिला के। अगर हम गोंद प्रजातियों की बात करें तो प्राखली इसमें सबसे प्रमुख है क्योंकि इससे जो गोंद निकलता है वो बहुत ही अच्छे गुणवत्ता का माना जाता है खाद्य पदार्थों में यूज होने के लिए। इसके अलावा हम लोगों ने मध्य भारत में भी पाई जाने वाली गोंद की कुछ प्रजातियों का यहां रोपण किया है। उनकी भी आधिजिविका और वृद्धि संतोषजनक है।" 

आगे उन्होंने कहा, "ये उत्तराखंड में नहीं पूरे उत्तर भारत में है अपने तरह का पहला प्रयास है। किसी भी उत्तर  उत्तर भारत के किसी भी वन विभाग के द्वारा इसमें इस तरीके से प्राकृतिक गोंद और प्राकृतिक रंगों के प्रजातियों को एक जगह एक साथ लाया जाएगा। तो इसका उद्देश्य न केवल एक आम लोगों को जो कि इसमें कार्य करना चाहे आजिविका के लिए उनको जोड़ना भी है बल्कि इन प्रजातियों के बारे में आम जनता में एक स्थानीय लोगों में एक जागरूकता उत्पन्न करना भी है।"