Lucknow: समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने गुरुवार को सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी के नेताओं और सरकारी अधिकारियों पर अयोध्या में एक बड़े भूमि घोटाले में शामिल होने का आरोप लगाया। उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री ने यहां पार्टी के एक कार्यक्रम में अपने संबोधन में आरोप लगाया कि अयोध्या में भूमि घोटाला सत्ता में बैठे लोगों की तरफ से संचालित भ्रष्टाचार का ही एक व्यापक रूप है।
इससे पहले 10 जुलाई को भी यादव ने अयोध्या में बाहरी लोगों को कथित तौर पर जमीन बेचने को लेकर उत्तर प्रदेश सरकार पर हमला किया था और अरबों रुपये के घोटाले का दावा करते हुए इन भूमि सौदों की गहन जांच की मांग की थी। यादव ने कहा, ‘‘जब गरीब और भोले-भाले लोगों की जमीन लेकर दूसरों को सौंप दी गई तब अयोध्या में सर्किल रेट बढ़ा दिया गया। क्या ये राजस्व का नुकसान नहीं है?’’ पूर्व मुख्यमंत्री ने अवैध गतिविधियों में बीजेपी के पदाधिकारियों की कथित संलिप्तता को भी उजागर किया।
यादव ने आरोप लगाया, ‘मुझे खुशी है कि हमें बीजेपी के पदधिकारियों से जुड़ी भूमि रजिस्ट्री की कॉपियां मिली हैं। रक्षा भूमि, जो तोपखाने के अभ्यास के लिए थी, उसे भी बीजेपी के लोगों ने बेच दिया। उन्होंने रेलवे ‘अलाइनमेंट’ भी बदल दिया, जो पहले गरीबों की जमीन या उनके कारोबार को प्रभावित नहीं करता था। ये बदलाव उन लोगों से जमीन छीनने का एक जानबूझकर उठाया गया कदम है, जो सदियों से वहां रह रहे हैं और काम कर रहे हैं।’
उन्होंने भ्रष्टाचार पर बीजेपी के रुख पर भी निशाना साधा और पूछा, ‘क्या भ्रष्टाचार को ‘कतई बर्दाश्त नहीं’’ करने की उनकी यही परिभाषा है? उन्होंने जो नारा दिया है, उसका मतलब अपने लोगों को समृद्ध बनाना है।’’ अयोध्या से आए समर्थकों को संबोधित करते हुए यादव ने उन्हें समाजवादी पार्टी के समर्थन का आश्वासन दिया।
उन्होंने कहा, "हम विकास के खिलाफ नहीं हैं। हम चाहते हैं कि अयोध्या विश्वस्तरीय बुनियादी ढांचे के साथ एक विश्वस्तरीय शहर बने लेकिन इसके लिए दूरदर्शिता की जरूरत है।’ यादव ने कहा कि मैं अयोध्या के लोगों को आश्वस्त करता हूं कि जब दो साल बाद समाजवादी पार्टी की सरकार सत्ता में आएगी, तो हम अयोध्या को विश्वस्तरीय शहर में बदल देंगे और किसानों और गरीबों को हुए किसी भी नुकसान की भरपाई करेंगे। हम तय करेंगे कि उनके घरों में समृद्धि हो।