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डीके शिवकुमार ने नेतृत्व परिवर्तन की चर्चा पर जताई आपत्ति, कहा- ऐसे बयान पार्टी को पहुंचा रहे नुकसान

Karnataka: कर्नाटक के उप मुख्यमंत्री डी. के. शिवकुमार ने गुरुवार को पार्टी सदस्यों द्वारा राज्य में नेतृत्व परिवर्तन पर चर्चा करने पर कड़ी आपत्ति जताते हुए कहा कि इस तरह के बयान पार्टी को नुकसान पहुंचा रहे हैं। शिवकुमार के रिश्तेदार एवं कांग्रेस विधायक एच. डी. रंगनाथ और मांड्या के पूर्व सांसद एल. आर. शिवराम गौड़ा ने बुधवार को यह दावा करके इस बहस को फिर से शुरू कर दिया कि शिवकुमार राज्य के अगले मुख्यमंत्री बनेंगे।

गौड़ा ने यह भी कहा कि यह नवंबर में होगा। शिवकुमार ने यहां संवाददाताओं से कहा, ‘‘कुनिगल विधायक एच. डी. रंगनाथ सहित किसी को भी सत्ता बंटवारे के मुद्दे पर बोलने की अनुमति नहीं है। मैंने कांग्रेस कर्नाटक इकाई के कार्यकारी अध्यक्ष जी. सी. चंद्रशेखर से नोटिस जारी करने को कहा है।’’

उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री सिद्धरमैया के इस बयान के बाद कि वह अपना पांच साल का कार्यकाल पूरा करेंगे और दोनों नेता आलाकमान के फैसले का पालन करेंगे, यह मामला अब समाप्त हो गया है। सिद्धरमैया ने बुधवार को कहा था कि वह अपना पांच साल का कार्यकाल पूरा करेंगे और पार्टी के फैसले का पालन करेंगे। शिवकुमार ने पूछा, ‘‘सत्ता बंटवारे पर चर्चा कहां है? इस तरह की किसी भी बात पर चर्चा नहीं होनी चाहिए।’’

कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष ने कहा, ‘‘इस पर कोई सवाल नहीं होना चाहिए। सिद्धरमैया ने जो कुछ भी कहा है, वह अंतिम है। उनके बयान के बाद किसी को भी इस पर चर्चा नहीं करनी चाहिए। जो लोग इस पर बोल रहे हैं, वे पार्टी को नुकसान पहुंचा रहे हैं। जो लोग उनकी या मेरी ओर से बोल रहे हैं, वे पार्टी को नुकसान पहुंचा रहे हैं और पार्टी विरोधी गतिविधियों में लिप्त हैं।’’

पार्टी के अनुशासित रुख को दोहराते हुए उपमुख्यमंत्री ने कहा, ‘‘उन्होंने (सिद्धरमैया ने) कहा है कि वे आलाकमान की बात मानेंगे। हम सभी आलाकमान की बात मानेंगे। हम अपनी पार्टी के अनुशासित सिपाही हैं। हमारे लिए पार्टी महत्वपूर्ण है, व्यक्ति नहीं।’’ उन्होंने कहा, ‘‘सिद्धरमैया ने कहा है कि वह महत्वपूर्ण नहीं हैं, बल्कि पार्टी महत्वपूर्ण है। हम पार्टी की बात मानेंगे। हमें यही करना चाहिए।’’

बीजेपी के इस बयान पर कि उसकी क्रांति तय हो गई है, उन्होंने कहा कि पार्टी को अपनी क्रांति पर चर्चा करने दीजिए। भाजपा पर निशाना साधते हुए शिवकुमार ने कहा कि विपक्षी दल को अपनी अंदरूनी कलह पर ध्यान केंद्रित करने दीजिए।

बीजेपी नेताओं द्वारा राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) की वर्दी पहनने के बारे में पूछे गए सवाल पर शिवकुमार ने कहा कि उन्हें जो करना है करने दीजिए। शिवकुमार ने फिर महात्मा गांधी के भजन ‘रघुपति राघव राजाराम...’ का हवाला देते हुए धर्मनिरपेक्ष मूल्यों के प्रति बीजेपी की प्रतिबद्धता पर सवाल उठाया।

उन्होंने पूछा, ‘‘क्या वे (बीजेपी) अल्लाह कह सकते हैं? क्या वे वही दोहरा सकते हैं जो गांधी ने कहा था?’’ उन्होंने कर्नाटक के राज्य गान का जिक्र करते हुए कहा कि उसमें एक पंक्ति है, ‘हिंदू मसीह मुसलमान, पारसी सिख जैनारा उद्यान’, जिससे बीजेपी नेता बचते हैं।

शिवकुमार ने कहा, ‘‘हमारा राज्य शांति का बगीचा है। वे (बीजेपी) अपने दिल में इसे टाल सकते हैं, लेकिन हमने ये शब्द इस देश की नींव में डाल दिए हैं। वे न तो इसे टाल सकते हैं और न ही इसे हटा सकते हैं। उन्हें इसके साथ जीना होगा।’’