रूस के क्मचटका क्षेत्र और कुरिल द्वीपसमूह में रविवार को भूकंप के तेज झटके महसूस किए गए हैं. जर्मन रिसर्च सेंटर फॉर जियोसाइंसेज (GFZ) के अनुसार, क्मचटका में 6.8 और कुरिल द्वीपों में 6.7 तीव्रता के भूकंप दर्ज किए गए. यह घटनाक्रम 31 जुलाई को आए 8.8 तीव्रता वाले भूकंप के बाद का है, जो इस क्षेत्र में 1952 के बाद सबसे शक्तिशाली था.
31 जुलाई को क्मचटका के पास आए इस मेगा-भूकंप का केंद्र पेट्रोपावलोव्स्क-क्मचत्स्की से 133 किलोमीटर दक्षिण-पूर्व में, 74 किलोमीटर गहराई पर था. अमेरिका के भूवैज्ञानिक सर्वेक्षण (USGS) ने इसे इस क्षेत्र का अब तक का सबसे बड़ा भूकंप बताया था. इस भूकंप ने रूस, जापान, अमेरिका, चीन और अन्य कई देशों में सुनामी की चेतावनी जारी की थी.
इस भूकंप के बाद हवाई द्वीपों पर 10 फुट तक ऊंची सुनामी की लहरें आईं, जिससे वहां रहने वाले लोगों को तत्काल सुरक्षित स्थानों पर ले जाया गया है. रूस के आपदा प्रबंधन मंत्रालय ने क्मचटका के तीन क्षेत्रों में सुनामी की संभावना जताई है और टेलीग्राम के जरिए लोगों को तट से दूर रहने की हिदायत दी है. मंत्रालय ने कहा कि लहरें ज्यादा ऊंची नहीं होंगी, लेकिन खतरे को नजरअंदाज नहीं करना चाहिए.
रूस के फार ईस्ट में स्थित क्राशेनिनिकोव ज्वालामुखी, जो पिछले 450 वर्षों से शांत था, भूकंप के बाद फूटा है. रूस की राज्य समाचार एजेंसी RIA ने इस ज्वालामुखी विस्फोट को भूकंप से जुड़ा बताया है. इस घटना से क्षेत्र में भू-वैज्ञानिक गतिविधियों में बढ़ोतरी की आशंका जताई जा रही है. क्षेत्रीय भूकंपीय सेवा ने चेतावनी दी है कि 7.5 तीव्रता तक के आफ्टरशॉक्स आ सकते हैं. इसलिए स्थानीय प्रशासन और लोगों को सतर्क रहने और आपातकालीन तैयारियों को मजबूत करने की सलाह दी गई है.