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मेरठ: क्रिकेट बॉल मैन्युफैक्चरिंग ने दिलाई पहचान, श्रमिकों को कम मजदूरी मिलने का मलाल

उत्तर प्रदेश के मेरठ जिले में खेल सामान निर्माण उद्योग अंतरराष्ट्रीय स्तर पर क्रिकेट गेंदों को बनाने के लिए जाना जाता है। भारत की मेजबानी में चल रहे वनडे वर्ल्ड कप के बीच पीटीआई वीडियो की टीम ये जानने के लिए मेरठ पहुंची कि आखिर ये शहर क्रिकेट की गेंदों को बनाने के लिए इतना मशहूर क्यों है?

मेरठ में खेल का सामान बनाने वाली इंडस्ट्री अब काफी बड़ी हो गई है। बड़ी तादाद में लोग इस इंडस्ट्री से जुड़े हैं, जिससे रोजगार के मौके भी बढ़ रहे हैं। इतना ही नहीं कई लोग अपने घरों से भी इंडस्ट्री में काम करते हैं। अब महिलाओं ने भी खेल का सामान बनाने वाली इस इंडस्ट्री में काम करना शुरू कर दिया है। वे क्रिकेट की गेंदों की सिलाई करके रोजी-रोटी कमा रही हैं। कुछ साल पहले तक इस इंडस्ट्री में केवल पुरुष ही काम करते थे और उन्हीं का दबदबा दिखता था।

हालांकि गेंद बनाने का काम करने वालों को लगता है कि उनकी कमाई बहुत कम है, जिससे उनका गुजारा चल पाता है। उन्हें लगता है कि इस इंडस्ट्री में महिलाओं के भी आने से उन्हें अपना घर अच्छी तरह से चलाने में मदद मिलेगी। गेंद बनाने के उद्योग से जुड़े लोगों को लगता है कि अगर उन्हें सरकार से कुछ मदद मिले, तो उद्योगों को बढ़ावा मिलेगा। इससे नौकरियां बढ़ेंगी और यहां की अर्थव्यवस्था पर इसका बड़ा असर पड़ेगा।