Delhi: दिल्ली हाई कोर्ट ने पहलवान बजरंग पूनिया, विनेश फोगाट, साक्षी मलिक और उनके पति सत्यव्रत कादियान की याचिका पर केंद्र और भारतीय कुश्ती महासंघ से जवाब मांगा है। पहलवानों ने दिसंबर 2023 में हुए महासंघ के चुनावों को अवैध घोषित करने की मांग की है। जस्टिस सचिन दत्ता ने केंद्र सरकार, डब्ल्यूएफआई और उसकी एड-हॉक कमेटी को नोटिस जारी किए हैं ।
केंद्र सरकार के वकील अनिल सोनी को इस मामले में निर्देश लेने के लिए समय दिया गया है। मामले की अगली सुनवाई सात मार्च को होगी। इन पहलवानों ने पिछले साल डब्ल्यूएफआई के पूर्व प्रमुख बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ सात महिला पहलवानों के कथित यौन उत्पीड़न के आरोप लगाकर प्रदर्शन किया था।
पहलवानों के वकील राहुल मेहरा हैं जबकि डब्ल्यूएफआई की ओर से डी. कृष्णन पैरवी कर रहे हैं। याचिका में तर्क दिया गया कि 21 दिसंबर, 2023 को हुए डब्ल्यूएफआई चुनाव खेल संहिता का खुला उल्लंघन थे और महासंघ को कुश्ती के खेल से जुडी किसी भी एक्टिविटी को रोकने की मांग की गई थी।
चुनाव के दौरान बृजभूषण शरण सिंह के करीबी संजय कुमार सिंह को डब्ल्यूएफआई का नया अध्यक्ष चुना गया था।