Breaking News

छत्तीसगढ़: बीजापुर में 103 नक्सलियों ने किया समर्पण, 80 पुरुष और 23 महिलाएं शामिल     |   राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू दिल्ली के लाल किले में आयोजित दशहरा समारोह में शामिल हुईं     |   असम पुलिस ने सिंगर जुबीन डेथ केस में उनके मैनेजर-ऑर्गेनाइजर पर हत्या का आरोप लगाया     |   UP: नोएडा में झमाझम बारिश, दशहरा मेले में दहन से पहले भीगा रावण, लोग निकले     |   EC टीम चुनाव तैयारियों को लेकर बिहार दौरा करेगी, 4 Oct को सियासी दलों संग बैठक     |  

Himachal: त्योहारी मौसम में पर्यटन उद्योग को थोड़ी राहत की उम्मीद, प्राकृतिक आपदाओं से लगा था भारी झटका

Himachal: लगातार मूसलाधार बारिश, बादल फटने से अचानक बाढ़ और भूस्खलन ने हिमाचल प्रदेश के पर्यटन उद्योग को बुरी तरह प्रभावित किया है। प्राकृतिक आपदाओं से होटल व्यवसायियों, ट्रांसपोर्टरों और दूसरे कारोबारियों को भारी नुकसान पहुंचा है।

पर्यटन को राज्य की अर्थव्यवस्था की रीढ़ माना जाता है। राज्य के सकल घरेलू उत्पाद में इसका सालाना योगदान 14 हजार करोड़ रुपये से ज्यादा का रहता है। इसकी बदौलत लाखों लोगों की रोजी-रोटी चलती है, लेकिन इस साल प्राकृतिक आपदाओं के बाद उद्योग को अपने वजूद की लड़ाई लड़नी पड़ रही है।

उद्योग से जुड़े लोगों के मुताबिक इस मानसून में होटलों की बुकिंग 25 फीसदी से भी कम रह गई। त्योहारी सीजन शुरू होने के बाद उन्हें थोड़ी राहत की उम्मीद है। कुली और टैक्सी संचालक भी पर्यटन से जुड़े हैं। उन्हें भी भारी नुकसान हुआ है। होटलों की बुकिंग रद्द होने का खामियाजा उन्हें भी भुगतना पड़ा है।

कुछ लोगों का कहना है कि कोविड महामारी ने पहले ही उनकी आजीविका को गंभीर झटका दिया था। उसके बाद से लगातार प्राकृतिक आपदाओं ने हालात और खराब कर दिए हैं। शिमला के मशहूर कालीबाड़ी मंदिर के पुजारी भी बताते हैं कि इस बार त्योहारों के मौसम में श्रद्धालुओं की संख्या कम है, जबकि अमूमन इस दौरान देश भर से बड़ी संख्या में लोग आते थे। मानसून खत्म हो चुका है और त्योहारी सीजन शुरू हो चुका है। ऐसे में पर्यटन उद्योग को उम्मीद है कि कुछ हद तक उनके नुकसान की भरपाई हो जाएगी।