अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने एक ऐतिहासिक कदम उठाते हुए 'गाइडिंग एंड एस्टैब्लिशिंग नेशनल इनोवेशन फॉर यूएस स्टेबलकॉइन्स एक्ट' यानी 'जीनियस एक्ट' (GENIUS Act) पर हस्ताक्षर कर इसे कानून बना दिया है। इस कानून का मकसद डिजिटल करेंसी में अमेरिका को दुनिया का सिरमौर बनाना और अमेरिकी डॉलर की वैश्विक वित्तीय प्रणाली में बादशाहत को और मजबूत करना है। ट्रंप ने मजाकिया लहजे में कहा, 'इस एक्ट का नाम मेरे नाम पर रखा गया है। ये वाकई कमाल का कानून है!' इस मौके पर उन्होंने BRICS देशों (ब्राजील, रूस, भारत, चीन, साउथ अफ्रीका) को सख्त लहजे में चेतावनी दी कि डॉलर की सत्ता को चुनौती देने की कोशिश बेकार जाएगी।
GENIUS एक्ट पर हस्ताक्षर करते हुए ट्रंप ने BRICS देशों पर तंज कसते हुए कहा, 'BRICS नाम का एक छोटा सा समूह है, जो तेजी से कमजोर पड़ रहा है। इन देशों ने डॉलर की सत्ता और उसकी प्रमुखता को चुनौती देने की कोशिश की थी। मैंने साफ कर दिया कि BRICS के किसी भी देश पर हम 10 फीसदी टैरिफ लगाएंगे। ट्रंप ने एक बार फिर धमकाते हुए कहा कि अगर BRICS ने डॉलर को कमजोर करने की कोशिश की, तो उनका गठबंधन जल्दी खत्म हो जाएगा। उन्होंने चेतावनी दी, 'अगर हमने डॉलर की वैश्विक रिजर्व करेंसी की हैसियत खो दी, तो ये किसी विश्व युद्ध हारने जैसा होगा। हम ऐसा कभी नहीं होने देंगे।'
जीनियस एक्ट का मकसद डॉलर-आधारित स्टेबलकॉइन्स के लिए एक स्पष्ट और सरल नियामक ढांचा तैयार करना है। ट्रंप ने इसे वित्तीय तकनीक में इंटरनेट के जन्म के बाद की सबसे बड़ी क्रांति करार दिया। उन्होंने कहा, 'ये कानून अमेरिका को क्रिप्टो और डिजिटल करेंसी की दुनिया का बादशाह बनाएगा। हमने वादा किया था कि अमेरिका क्रिप्टो कैपिटल बनेगा, और आज हमने वो वादा पूरा कर दिखाया।' ट्रंप ने क्रिप्टो समुदाय की तारीफ करते हुए कहा, 'आप लोगों का सालों तक मजाक बनाया गया, लेकिन आपने हार नहीं मानी। ये कानून आपकी मेहनत और जज्बे की जीत है।' उन्होंने ये भी साफ किया कि अमेरिका में कभी सेंट्रल बैंक डिजिटल करेंसी (CBDC) को इजाजत नहीं दी जाएगी।