भारत और पाकिस्तान के बीच सीमा पर तनावपूर्ण माहौल के बीच, पाकिस्तान के राष्ट्रपति असीफ अली जरदारी ने देश की संसद नेशनल असेंबली का एक विशेष सत्र बुलाया है। यह सत्र आने वाले कुछ दिनों में इस्लामाबाद में आयोजित किया जाएगा, जिसमें मौजूदा हालात पर चर्चा की जाएगी। इस विशेष सत्र का उद्देश्य भारत के साथ बढ़ते तनाव, नियंत्रण रेखा (LoC) पर हुई हालिया घटनाओं और क्षेत्रीय सुरक्षा स्थिति की समीक्षा करना है। इसमें राष्ट्रीय सुरक्षा नीति, कूटनीतिक रणनीति और सैन्य तैयारियों पर चर्चा होने की संभावना है।
पाकिस्तान की संसद के दोनों सदनों को हालात की गंभीरता को देखते हुए एकजुटता दिखाने और सामूहिक रणनीति बनाने के लिए बुलाया गया है। इस सत्र में प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ, विदेश मंत्री, रक्षा मंत्री और शीर्ष सैन्य अधिकारी भी शामिल हो सकते हैं। हाल के दिनों में नियंत्रण रेखा पर संघर्ष विराम उल्लंघन, गोलीबारी की घटनाओं और भारत की तरफ से कड़ी प्रतिक्रिया के बाद पाकिस्तान के राजनीतिक और सैन्य नेतृत्व पर दबाव बढ़ा है। ऐसे में यह विशेष सत्र भविष्य की दिशा तय करने में अहम भूमिका निभा सकता है। विशेषज्ञों का मानना है कि इस सत्र के जरिए पाकिस्तान, घरेलू और अंतरराष्ट्रीय मंच पर यह संदेश देना चाहता है कि वह हालात को गंभीरता से ले रहा है और अपनी रक्षा नीति पर पुनर्विचार कर रहा है।