रिजर्व बैंक ने शुक्रवार को लगातार सातवीं बार पॉलिसी रेट में बदलाव न करने का फैसला किया। जानकारों का मानना है कि केंद्रीय बैंक के पास अगस्त के बाद दर में कटौती करने का मौका होगा। उनके मुताबिक रिजर्व बैंक की दरों में बदलाव न करने की खास वजह है। उनका कहना है कि केंद्रीय बैंक कोई भी फैसला लेने से पहले फूड इंफ्लेशन पर मौसम विभाग के पूर्वानुमान का असर देखना चाहता है। मौसम विभाग ने अप्रैल से जून के बीच सामान्य से ज्यादा तापमान होने का अनुमान लगाया है।
महंगाई दर अब भी 5.1 फीसदी है, जो रिजर्व बैंक के आराम के स्तर की ऊपरी सीमा है। जानकारों की चेतावनी है कि मौसम में गड़बड़ी से कीमतें बढ़ सकती हैं। उनका कहना है कि रिजर्व बैंक पर फूड इंफ्लेशन के अलावा लोकसभा चुनाव में उम्मीदवारों और राजनैतिक दलों के खर्चों से महंगाई बढ़ने का भी दबाव है। जानकारों के मुताबिक घरेलू हालात महंगाई कम करने के अनुकूल हैं। अर्थव्यवस्था में विकास की संभावना से वित्तीय साल की दूसरी छमाही में दर में कटौती हो सकती है।