विश्व कुश्ती चैंपियनशिप में भाग ले रही भारतीय टीम को रविवार को तब करारा झटका लगा जब ओलंपिक पदक विजेता अमन सहरावत को अधिक वजन पाए जाने के बाद जाग्रेब में चल रही प्रतियोगिता से अयोग्य घोषित कर दिया गया। पिछले वर्ष पेरिस ओलंपिक में कांस्य पदक जीतने वाले अमन का वजन पुरुषों की फ्रीस्टाइल 57 किग्रा स्पर्धा से पहले कराए गए वजन के दौरान 1.7 किग्रा अधिक पाया गया। विश्व कुश्ती की सर्वोच्च संस्था यूडब्ल्यूडब्ल्यू के 2023 के नियमों के अनुसार विश्व कप, यूडब्ल्यूडब्ल्यू रैंकिंग सीरीज टूर्नामेंट और अंतरराष्ट्रीय टूर्नामेंटों के लिए दो किलोग्राम वजन की छूट की अनुमति है। लेकिन विश्व चैंपियनशिप और ओलंपिक जैसी प्रतियोगिताओं में ऐसा प्रावधान नहीं है।
अमन अन्य भारतीय पहलवानों के साथ अनुकूलन शिविर में भाग लेने के लिए 25 अगस्त को क्रोएशिया के ज़ाग्रेब पहुंचे थे और उनके पास वजन कम करने के लिए पर्याप्त समय था। छत्रसाल स्टेडियम में प्रशिक्षण लेने वाले 22 वर्षीय अमन भारतीयों में पदक के प्रबल दावेदारों में से एक थे। एक महीने से भी कम समय में विश्व चैंपियनशिप में किसी भारतीय के अयोग्य होने की यह दूसरी घटना है। इससे पहले अगस्त में बुल्गारिया के समोकोव में अंडर-20 विश्व चैंपियनशिप से नेहा सांगवान (महिला 59 किग्रा) को 600 ग्राम अधिक वजन होने के कारण बाहर कर दिया गया था। नेहा जाग्रेब में भारत की सीनियर विश्व चैम्पियनशिप टीम का भी हिस्सा थीं, लेकिन भारतीय कुश्ती महासंघ (डब्ल्यूएफआई) ने न केवल उन्हें टीम से बाहर कर दिया था, बल्कि ‘‘लगातार वजन प्रबंधन संबंधी मुद्दों‘‘ के कारण उन्हें दो साल के लिए निलंबित भी कर दिया था। किसी स्टार भारतीय खिलाड़ी के ज़्यादा वज़न का यह पहला मामला नहीं है।
इससे पहले विनेश फोगाट को पेरिस ओलंपिक में महिलाओं के 50 किग्रा फ़ाइनल से पहले ही अयोग्य घोषित कर दिया गया था। स्वर्ण पदक मुकाबले से कुछ घंटे पहले उनका वज़न 100 ग्राम ज़्यादा पाया गया था। भारतीय दल के एक कोच ने कहा, ‘‘सरकार ने ज़ाग्रेब में विश्व चैम्पियनशिप के लिए चुने गए प्रत्येक पहलवान पर कम से कम 7-8 लाख रुपये खर्च किए हैं। दो सप्ताह के प्रशिक्षण शिविर के दौरान ठहरने का खर्च कम से कम 140 यूरो था और टूर्नामेंट के दौरान यह 200 यूरो है।’’ कोच ने कहा, ‘‘अपना वजन बनाए रखना पहलवान की जिम्मेदारी है। इसके लिए कुछ स्पष्टीकरण तो होना ही चाहिए। स्वीकृत वजन से लगभग दो किलोग्राम अधिक वजन अविश्वसनीय है।’’
यह देखना बाकी है कि क्या डब्ल्यूएफआई अमन को भी नेहा की तरह ही सजा देगा या फिर अंतरराष्ट्रीय स्तर पर उनके पिछले प्रदर्शन को देखते हुए छोड़ देगा। पेरिस ओलंपिक में कांस्य पदक जीतने के बाद से अमन ने सिर्फ एक अंतरराष्ट्रीय टूर्नामेंट में हिस्सा लिया है। उन्होंने इस साल जून में उलानबटार ओपन में कांस्य पदक जीता था, जहां उन्हें सेमीफाइनल में मेक्सिको के रोमन ब्रावो-यंग से हार का सामना करना पड़ा था। उन्होंने कांस्य पदक के प्ले-ऑफ में तुर्किये के बेकिर केसर को हराया था।
ओलंपिक कांस्य पदक विजेता अमन सहरावत विश्व चैंपियनशिप से अयोग्य घोषित
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