आईपीएल 2025 में शुक्रवार, 26 अप्रैल को सनराइजर्स हैदराबाद के खिलाफ मिली हार के बाद चेन्नई सुपरकिंग्स की टीम लगभग प्लेऑफ की दौड़ से बाहर हो चुकी है। अब टीम के पास सिर्फ एक ही रास्ता बचा है। अगर वह अपने बाकी बचे सभी पांच मैच जीतती है और साथ ही बाकी टीमों के नतीजे भी उसके पक्ष में जाते हैं, तभी वह किसी चमत्कार के भरोसे अंतिम-4 में पहुंच सकती है। टीम के लगातार खराब प्रदर्शन ने फैंस को निराश किया है और अब पूर्व खिलाड़ी सुरेश रैना का भी गुस्सा फूट पड़ा है। रैना, जो लंबे समय तक चेन्नई सुपरकिंग्स की रीढ़ रहे हैं, उन्होंने टीम की रणनीति और खिलाड़ियों के प्रदर्शन पर सवाल उठाए हैं। उन्होंने कहा कि इस तरह के खेल से जीत की उम्मीद करना मुश्किल है और अगर टीम को आगे बढ़ना है, तो मैदान पर जोश और समर्पण दिखाना होगा। चेन्नई की इस स्थिति ने फैंस के साथ-साथ दिग्गजों को भी सोचने पर मजबूर कर दिया है।
'मिस्टर आईपीएल' के नाम से मशहूर सुरेश रैना ने चेन्नई सुपर किंग्स के लगातार खराब प्रदर्शन के लिए सीधे तौर पर टीम मैनेजमेंट को जिम्मेदार ठहराया है। उनका कहना है कि इस बार की नीलामी रणनीति में महेंद्र सिंह धोनी की भूमिका काफी सीमित रही, जिसका असर टीम की मजबूती और संतुलन पर साफ दिख रहा है। रैना के मुताबिक, टीम इस सीजन में सही संयोजन खोजने के लिए संघर्ष कर रही है और इसी वजह से कई बदलाव देखने को मिले हैं। सनराइजर्स हैदराबाद के खिलाफ मैच में सीएसके ने साउथ अफ्रीका के डेवाल्ड ब्रेविस को डेब्यू का मौका दिया, जिन्होंने आते ही धमाकेदार बल्लेबाजी कर टीम को थोड़ी उम्मीद दी। इसके अलावा लगातार मिल रही हार के चलते युवा खिलाड़ी आयुष म्हात्रे को भी टीम में शामिल किया गया, और उन्होंने भी अपने प्रदर्शन से सभी को प्रभावित किया। वहीं, दीपक हुड्डा, राहुल त्रिपाठी और सैम करन जैसे अनुभवी खिलाड़ियों के लगातार फ्लॉप रहने के बाद चेन्नई ने अपने आम रवैये से हटकर युवाओं को मौके देने शुरू कर दिए हैं। रैना का मानना है कि अगर टीम को वापसी करनी है तो अब साफ सोच, बेहतर चयन और आत्मविश्वास से भरे प्रदर्शन की जरूरत है।
स्टार स्पोर्ट्स के लाइव शो में बात करते हुए सुरेश रैना ने चेन्नई सुपर किंग्स के खराब प्रदर्शन पर खुलकर अपनी राय रखी और टीम मैनेजमेंट की नीतियों पर सवाल उठाए। उन्होंने खास तौर पर टीम के सीईओ काशी विश्वनाथ और क्रिकेट ऑपरेशंस की जिम्मेदारी संभाल रही रूपा मैम का जिक्र करते हुए कहा कि काशी सर पिछले 30-40 सालों से क्रिकेट प्रशासन का हिस्सा हैं और रूपा मैम भी खिलाड़ियों की खरीद-फरोख्त और मुख्य टीम को बनाए रखने में अहम भूमिका निभाती हैं। लेकिन इस बार खिलाड़ियों के चयन में बड़ी चूक हुई है, जिसे हर कोई देख सकता है। रैना का कहना था कि टीम में इस सीजन के लिए जिन खिलाड़ियों को शामिल किया गया, वे पूरी तरह से संतुलन में नहीं थे और यही वजह है कि चेन्नई सुपर किंग्स को लगातार हार का सामना करना पड़ रहा है। उनका यह बयान दिखाता है कि टीम के अंदरूनी फैसलों को लेकर पूर्व खिलाड़ी भी अब असंतुष्ट हैं और बदलाव की मांग कर रहे हैं।
सुरेश रैना ने इस बात को सिरे से खारिज कर दिया है कि चेन्नई सुपर किंग्स की हर नीलामी के पीछे महेंद्र सिंह धोनी की सीधी भूमिका होती है। रैना ने कहा कि लोगों को लगता है कि एमएस धोनी हर नीलामी का आखिरी फैसला लेते हैं, लेकिन सच्चाई यह है कि वे खुद कभी नीलामी बैठकों का हिस्सा नहीं रहे। उन्होंने साफ कहा कि उन्होंने कभी भी नीलामी की बातचीत में भाग नहीं लिया और न ही उन्हें कभी उस प्रक्रिया में शामिल किया गया। रैना ने बताया कि उन्होंने हमेशा सिर्फ उन्हीं खिलाड़ियों पर बात की जिन्हें टीम में रिटेन किया गया था। उनके मुताबिक, धोनी को सिर्फ कुछ खास खिलाड़ियों के चयन या उन्हें टीम में रखने को लेकर सुझाव मांगा जा सकता है, लेकिन वह हर फैसले में गहराई से शामिल नहीं होते। इससे यह भी साफ होता है कि टीम चयन और नीलामी की जिम्मेदारी पूरी तरह टीम मैनेजमेंट पर होती है, न कि धोनी पर।
सुरेश रैना ने एक बार फिर महेंद्र सिंह धोनी की प्रतिबद्धता और बाकी लोगों के प्रदर्शन के बीच फर्क को बेझिझक उजागर किया है। उन्होंने कहा कि टीम की नीलामी और खिलाड़ियों के चयन की ज़िम्मेदारी मुख्य मैनेजमेंट संभालता है, और ये सोचना गलत है कि धोनी हर फैसले में पूरी तरह शामिल होते हैं। रैना ने बताया कि धोनी शायद सिर्फ चार-पांच खिलाड़ियों के नाम बताते होंगे जिन्हें वो टीम में चाहते हैं, और उन्हीं में से कुछ को रिटेन किया जाता है। उन्होंने खासतौर पर इस बात पर जोर दिया कि एमएस धोनी आज भी 43 साल की उम्र में विकेटकीपिंग कर रहे हैं, कप्तानी निभा रहे हैं और मैदान पर पूरी जान लगा रहे हैं। रैना ने भावुक होकर कहा कि धोनी न तो सिर्फ अपने ब्रांड के लिए खेल रहे हैं और न ही नाम के लिए, वो अपने फैंस के लिए, अपनी टीम के लिए और खेल के प्रति अपने समर्पण के लिए आज भी पूरा योगदान दे रहे हैं। उनके मुताबिक, जब 43 साल का खिलाड़ी ऐसा जोश और मेहनत दिखा सकता है, तो बाकी युवा खिलाड़ियों को भी खुद से सवाल करना चाहिए कि वो मैदान पर क्या दे रहे हैं।
सुरेश रैना का गुस्सा चेन्नई सुपर किंग्स के उन अनुभवी खिलाड़ियों पर फूट पड़ा है जो भारी-भरकम रकम लेकर भी उम्मीद के मुताबिक प्रदर्शन नहीं कर पा रहे हैं। बिना किसी का नाम लिए रैना ने तीखा तंज कसते हुए कहा कि जिन खिलाड़ियों को 18 करोड़, 17 करोड़ या 12 करोड़ रुपये मिल रहे हैं, वे मैदान पर कप्तान को जवाब तक नहीं दे रहे। उन्होंने यह भी कहा कि जब आप ऐसी टीमों से हार रहे हैं जिनसे आपने पहले कभी मुकाबला नहीं गंवाया, तो कहीं न कहीं गड़बड़ी है और उसे ठीक करना बेहद जरूरी है। रैना का मानना है कि टीम को अब यह पहचानने की जरूरत है कि कौन खिलाड़ी सच में मैच जिताने की क्षमता रखता है और कौन सिर्फ नाम का हिस्सा है। उन्होंने कहा कि कुछ खिलाड़ी ऐसे हैं जो सालों से टीम में बने हुए हैं, लेकिन अगर नतीजे नहीं आ रहे तो फिर उनकी मौजूदगी का फायदा क्या? हर बार वही गलतियां दोहराना इस बात का संकेत है कि बदलाव की सख्त जरूरत है।
चेन्नई सुपर किंग्स के निराशाजनक प्रदर्शन के बाद सुरेश रैना ने संकेत दिया है कि टीम में जल्द ही एक बड़ा बदलाव देखने को मिल सकता है, और इसकी अगुवाई खुद महेंद्र सिंह धोनी कर सकते हैं। रैना ने कहा कि उन्हें लगता है अब धोनी गंभीरता से बैठकर इस पूरे मसले पर सोचेंगे और वह अपने आसपास किसी ऐसे व्यक्ति को नहीं चाहेंगे जो टीम के हित में न हो। उन्होंने इशारा किया कि धोनी ने शायद मन बना लिया है कि अब बदलाव जरूरी है। रैना ने इस ओर भी ध्यान दिलाया कि मैच हारने के बाद धोनी काफी देर तक सीएसके के सीईओ काशी विश्वनाथ से बातचीत करते दिखे, और वो बातचीत किसी साधारण चर्चा से कहीं ज्यादा गंभीर लग रही थी। रैना के अनुसार, यह साफ संकेत है कि टीम के अंदर कुछ बड़ा होने जा रहा है और हो सकता है कि बहुत जल्द इसके नतीजे सामने भी आएं। चेन्नई की मौजूदा हालत को देखते हुए फैंस भी अब बदलाव की उम्मीद कर रहे हैं।