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क्या है Northern Lights और Southern Lights के पीछे का रहस्य

हमारी पृथ्वी अपने आप में ही एक बहुत बड़ी पहेली है। साथ ही अंतरिक्ष में भी बहुत सारे रहस्य और डरावने सच छुपे हुए है। आज हम अंतरिक्ष के ऐसे ही एक अजूबे के बारे में आपको बताने वाले है। क्या आपको पता है पृथ्वी के उत्तरी और दक्षिणी ध्रुव के आसमान में दिखने वाली Northern और Southern Lights कैसे बनती हैं? धरती के दक्षिण और उत्तरी ध्रुवों से कई बार Northern और Southern Lights का अद्भुत नजारा देखने को मिलता है जो प्रकृति के किसी जादू से कम नहीं लगता। Northern Lights को  Aurora borealis और Southern Lights को  Aurora australis कहा जाता है, ये लाइट्स आसमान में किसी लेजर लाइट शो जैसी लगती हैं। 

इन लाइट्स को लेकर अनेकों थिअरी भी कही गई है, ये माना जाता है कि सूरज पर होने वाले विस्फोट से निकले पार्टिकल्स जब धरती की मैग्नेटिक फील्ड और ऊपरी वायुमंडल से टकराते हैं, तब उन्में से जो रोशनी निकलती है उन्हे Northern और Southern Lights कहते है। 

हमारी धरती तीन भाग में बटी हुए हैं क्रस्ट, मैंटल और कोर। क्रस्ट धरती का वो हिस्सा है जिसपर पूरी दुनिया यानी की हम सब बसे हैं। क्रस्ट के नीचे वाला हिस्से को मैंटल कहते है और सबसे आखिरी हिस्से को कोर। इस कोर में मैग्नेटिक फील्ड बनता है। जब सूरज से बड़ी संख्या में निकलने वाले पार्टिकल्स पृथ्वी के वायुमंडल से टकराते हैं तो वायुमंडल में मौजूद गैसों से गुजरे के कारण वे चमकने लगते हैं। यही वजह है की आसमान रंग-बिरंगा दिखने लगता है। 

पृथ्वी के उत्तरी ध्रुव पर Northern Lights और दक्षिणी  ध्रुव पर Southern Lights बनती है। दोनों लाइट्स एक ही तरह से बनती है, लेकिन बस दिखने में अलग होती है।