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यूपी में वाराणसी के इस पुलिस स्टेशन के 'कोतवाल' हैं भगवान काल भैरव

Uttar Pradesh: वाराणसी के विशेश्वरगंज इलाके की कोतवाली में बाबा काल भैरव कोतवाल के रूप में विराजमान हैं। थाने के कोतवाल बाबा काल भैरव की पूजा के बाद ही दिन की शुरुआत करते हैं। माना जाता है कि भगवान शिव के त्रिशूल पर बसी काशी की व्यवस्था काल भैरव ही चलाते हैं। मान्यता है कि बिना बाबा कालभैरव की इजाजत के काशी में कोई शख्स रूक नहीं सकता।  मान्यता है कि शहर में कोई भी शुभ काम शुरू करने से पहले बाबा काल भैरव की पूजा कर उनकी इजाजत ली जाती है।

पुलिसकर्मी  राजीव सिंह ने बताया कि "हम लोग प्रतिदिन आते हैं बाबा को प्रणाम करते हैं और श्रृंगार करने के बाद पूजा करने के बाद ही अपनी चेयर पर बैठते हैं और बगल में बाबा की सीट रहती है उसी के बगल में हमारी सीट होती है। जो काशी कोतवाल के नाम से जाने जाते हैं और ये बहुत पुरानी परंपरा है चलती आ रही है। हम बता दें आपको बनारस में नहीं पूरे विश्व में वर्ल्ड में कोई ऐसा थाना नहीं जहां बाबा विराजमान रहते हैं। विराजमान रहने के साथ साथ बगल में कुर्सी पर बैठता है कोई  इंस्पेक्टर बैठता है तो।" 

वहीं काल भैरव मंदिर के पुजारी दीपक दुबे बोले "ऐसी मान्यता है कि बाबा विश्वनाथ ने जब ये काशी नगरी बनवाई तो यहां सभी देवी-देवता विद्यमान हुए ये उस समय आनंदवन कहा जाता था और यहां के राजा विश्वनाथ, रानी अन्नपूर्णा बाबा कालभैरव कोतवाल बने। ब्रिटिश जमाने में ये ब्रिटिश सरकार ने ये कोतवाली कालभैरव क्षेत्र में ही बनवाई है। लेकिन वो लोग देवी-देवताओं को नहीं मानते थे लेकिन इतनी मान्यता बाबा की थी कि उनको भी ये पता था कि ये शहर कोतवाल सबसे प्राचीन है। मतलब सती द्वापर त्रेता से चले आ रहे बाबा कालभैरव काशी के कोतवाल हैं।"