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रामपुर के बिलासपुर हाईवे पर बैठे किसान, रोड पर ट्रेक्टर लगा संयुक्त मोर्चा ने दिया धरना

UP: संयुक्त मोर्चा के किसानों ने रामपुर में एक बड़ा प्रदर्शन किया। उत्तराखंड को जोड़ने वाली राष्ट्रीय राजमार्ग 87 पर नवीन मंडी स्थल के सामने सड़क पर किसानों ने अपने ट्रैक्टर रोड पर लगा दिए और दरियां बिछा कर भाषण शुरू कर दिए। उनके इस धरना प्रदर्शन में भारतीय किसान यूनियन टिकेत और भारतीय किसान यूनियन चढूनि प्रमुख तौर पर रहे। किसानों का यह प्रदर्शन देर शाम तक चला, प्रशासन ने भी नरमी बरतते हुए हाईवे पर एक लेंन खुली रखने की शर्त पर दूसरी लेन पर किसानों का धरना करने दिया। भारतीय किसान यूनियन टिकेत के जिला अध्यक्ष जगजीत सिंह गिल और भारतीय किसान यूनियन के जिला अध्यक्ष गुरचरण सिंह सिद्धू ने किसानों को अपने जोशीले अंदाज में संबोधित किया और हरियाणा सरकार को बरख़ास्त करने एमएसपी की गारंटी दिए जाने के लिए हुंकार भरी।

मीडिया से बात करते हुए किसान नेता जगजीत सिंह गिल ने कहा, हमें अपने ट्रैक्टर खड़े करके विरोध प्रदर्शन करना है और विरोध इसलिए हैं कि जो हमारे सिंधु बॉर्डर पर और हरियाणा पुलिस ने बर्बरता की है हमारे किसानों के साथ, उनके विरोध में है जो वहां पर किसान है अपने अधिकार के लिए लड़ाई लड़ रहे हैं उनके फेवर में है उनके पक्ष में है। हरियाणा सरकार के खिलाफ, और हम लोग मोदी सरकार के खिलाफ हम लोग विरोध कर रहे हैं। हमारे किसान आंदोलन जो कर रहे हैं उनके ऊपर जो लाठियां चलाई उनके ऊपर जो गोलियां चलाई बम फेंके गए यह आपका कौन सा सिद्धांत है। यह देश का कौन सा कानून है जिसके तहत आप उनको मार रहे हो, हमारी मांग यह है हरियाणा सरकार को डिस्मिस किया जाए और किसने की मांगे पूरी की जाए जितने भी किसान जो फसल उगाते हैं उस पर हमें एमएसपी की गारंटी मिलनी चाहिए और जो लोग वहां पर गोलियां चला रहे हैं उनके खिलाफ कार्यवाही हो उनके ऊपर एफआईआर हो और उन्हें सजा मिलनी चाहिए और अगर किसान दिल्ली आना चाहते हैं तो बॉर्डर खोले जाना चाहिए जिससे किसान दिल्ली आए और किस सरकार के साथ बात करें और समझौता सरकार करें किसानों के साथ और किसानों को परेशान नहीं करें किसानों को अन्नदाता भी कहते हैं और लठ भी मारते हैं और गोलियां भी मारते हैं यह दोनों काम नहीं चलेंगे, बस एक काम चलेगा या तो गोलियां ही मार दो या अन्य दाता कहतो हो तो उनकी बात मान लो क्योंकि हमारा देश कृषि प्रधान देश है हम 80 परसेंट किसान हैं 20% जो है देश को चला रहे हैं तो 80 परसेंट की कोई बात नहीं सुनी जाती।

यह ट्रैक्टर लेकर हम आज कहीं नहीं जाना है बस हम विरोध करने के लिए आए हैं क्योंकि हमारा एक संकेत है अगर यूथ बढ़ेगे तो यह जो हमारे ट्रैक्टर हैं यह टैंक का काम करेंगे दिल्ली में आगे बड़ेंगे और फिर आपसे रुकेंगे नहीं है आप मान जाए और जो किसान बैठे हुए हैं संयुक्त मोर्चा जो बैठा हुआ है उनसे समझौता करें उनकी मांगे पूरी करें इस तरह के कार्य नहीं करें।

रिपोर्ट- अरविंद भटनागर