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मेरठ: मुकदमा दर्ज होने से नाराज किसान यूनियन के कार्यकर्ता, थाने के गेट पर धरने पर बैठे

भारतीय किसान यूनियन के कार्यकर्ता बृहस्पतिवार को एक बार फिर थाने के बाहर धरने पर बैठ गए. भारतीय किसान यूनियन के कार्यकर्ता मांग कर रहे थे कि उन्हें थाने में अंदर बुलाया जाए और उनके ऊपर दर्ज हुई एफआईआर के मामले में बातचीत की जाए. भारतीय किसान यूनियन के कार्यकर्ताओं का आरोप था कि थाने का गेट बंद कर दिया गया है और उनको थाने के अंदर नहीं जाने दिया जा रहा है इसलिए वह धरने पर बैठे हैं जब तक गेट नहीं खुलेगा जब तक वह धरने पर बैठे रहेंगे

दरअसल, पूरा मामला मेरठ के गंगानगर थाने का है जहां कुछ दिन पहले किसान यूनियन के कार्यकर्ता विपुल की चेकिंग के दौरान पुलिस ने बाइक रोक ली और कागज नहीं दिखाने पर बाइक को थाने ले जाकर सीज कर दिया. इसके बाद इस घटना का संज्ञान भारतीय किसान यूनियन के कार्यकर्ताओं को हुआ तो बुधवार को 30 - 40 भारतीय किसान यूनियन कार्यकर्ता गंगानगर थाने पहुंच गए और पुलिस से बाइक छोड़ने की मांग की भारतीय किसान यूनियन के कार्यकर्ताओं ने हंगामा किया और नारीबाजी करते हुए धरने पर बैठ गए घंटो हंगामा चलता रहा पुलिस ने किसानों को समझने का प्रयास किया लेकिन वह नहीं माने. 

वहीं इसके बाद पुलिस ने बाइक को छोड़ दिया. इस मामले में मेरठ पुलिस ने बयान जारी करते हुए बताया कि बाइक को तो नियम अनुसार छोड़ दिया गया है लेकिन थाने पर हंगामा करने वाले लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर लिया गया है.

आपको बता दे मुकदमा दर्ज होने से नाराज किसान यूनियन के कार्यकर्ता बृहस्पतिवार को मेरठ के गंगानगर थाने पहुंच गए और खुद को गिरफ्तार करने की पुलिस से बात कही. इसी बीच किसान यूनियन के कार्यकर्ताओं ने आरोप लगाया कि थाने का गेट बंद कर दिया गया है, और उनको अंदर नहीं जाने दिया जा रहा है. इसके बाद किसान यूनियन के कार्यकरता गंगानगर थाने के गेट के बाहर धरने पर बैठ गए उनका कहना है कि वह जब तक धरने पर बैठे रहेंगे जब तक उनको थाने के अंदर बुलाया नहीं जाता और उनको बताया जाए कि आखिर मुकदमा दर्ज क्यों किया गया है. उनकी मांग है कि मुकदमे को खत्म किया जाए और लिखित में किसान यूनियन से माफी मांगी जाए.

वहीं इस मामले में मेरठ के एसपी देहात कमलेश बहादुर ने बताया कि थाना गंगानगर में एक बाइक को सीज किया गया था. जिसको कल कानूनी तरीके से शमन शुल्क जमा करा कर छोड़ दिया गया था. जहां पर कुछ किसान धरने पर बैठे थे. इसके संबंध में एक मुकदमा पंजीकृत किया गया था. आज मुकदमा पंजीकृत होने के कारण कुछ किसान यहां थाने पर आए थे. उनकी कुछ मांगी थी उन मांगों पर उनसे वार्ता की गई और उनको बताया गया है कि उनकी जो जायज मांग होगी उन पर सुनवाई की जाएगी. जो मुकदमा है उस की विवेचना सबूतों के आधार पर की जाएगी और सबूतों के आधार पर उसका निस्तारण किया जाएगा.