इंडियन प्रीमियर लीग के मौजूदा सत्र में चल रहे बैट चेक विवाद पर राजस्थान रॉयल्स के बल्लेबाज नितीश राणा ने कहा है कि, 'बल्ले की जांच से कोई समस्या नहीं है, यह अंपायर का अधिकार है।' राजस्थान रॉयल्स के हेटमायर, आरसीबी के फिल साल्ट और मुंबई इंडियंस के कप्तान हार्दिक पांड्या के बल्ले को फील्ड ऑफ प्ले (FOP) पर बैट गेज से मापा गया।
नीतीश राणा ने मैच से पहले प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि "जब टी20 क्रिकेट की बात आती है तो समय की कमी होती है, अगर अंपायरों के पास खिलाड़ियों के बल्ले की जांच करने के लिए पर्याप्त समय है तो मेरा मानना है कि उन्हें ऐसा करने का अधिकार है। सिर्फ हेट्टी (शिमरोन हेटमायर) ही नहीं बल्कि मेरे बल्ले की भी जांच की गई। लगभग 60 से 70% बल्लेबाजों के बल्ले की जांच की गई। इस पर हमारा कोई अधिकार नहीं है और इसे नियंत्रित नहीं किया जा सकता। मैच में हम जो बल्ले इस्तेमाल करते हैं, वे सीधे प्रायोजकों से हमारे पास आते हैं, अगर अंपायरों को उनकी जांच करनी है, तो हमें कोई समस्या नहीं है"
नियमों के मुताबिक बल्ले के सामने की चौड़ाई 4.25 इंच (10.79 सेमी) से ज़्यादा नहीं होनी चाहिए। बल्ले के बीच की मोटाई (उभरा हुआ हिस्सा) 2.64 इंच (6.7 सेमी) से ज़्यादा नहीं होनी चाहिए। किनारे की अधिकतम चौड़ाई 1.56 इंच (4 सेमी) से ज़्यादा नहीं होनी चाहिए।बल्ले की ऊंचाई हैंडल के ऊपर से लेकर बेस तक 38 इंच (96.4 सेमी) से ज्यादा नहीं होनी चाहिए।
पिछले कुछ दिनों में, राजस्थान रॉयल्स के शिमरॉन हेटमायर, आरसीबी के फिल साल्ट और मुंबई इंडियंस के कप्तान हार्दिक पांड्या के बल्ले को फील्ड ऑफ प्ले (FOP) पर बैट गेज से नापा गया। रिकॉर्ड के लिए सभी बल्ले परीक्षण में सफल रहे। हालांकि, जब बीसीसीआई से पूछा गया कि क्या विलो आयाम का उल्लंघन हुआ है, तो उसने चुप्पी साध ली, जिसके कारण रैंडम जांच की गई।
इन दिनों थोड़ी अतिरिक्त मोटाई या किनारे पर थोड़ी अधिक लकड़ी बहुत फर्क डालती है, जहां मिस-हिट भी बड़े छक्के में तब्दील हो जाती है। अगर मैदान छोटा हो तो यही हिट स्टैंड की दसवीं लाइन तक जाकर गिरता है।