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आने वाले महीनों में महंगाई दर 4.5 से पांच फीसदी के दायरे में आ जाएगी! जानिए वजह

Inflation: जानकारों का मानना ​​है कि सब्जियों की कीमतें कम होने से आने वाले महीनों में मुद्रास्फीति कम होकर 4.5 से पांच फीसदी के बीच आ सकती है।

पीएचडी चैंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री के मुख्य अर्थशास्त्री एस. पी. शर्मा ने कहा कि मानसून के रुख में नरमी के साथ सब्जियों और दूसरे खाद्य पदार्थों की कीमतें कुछ महीनों में स्थिर हो जाएंगी।

एस. पी. शर्मा ने कहा, "अगर आपूर्ति में सुधार होने से सब्जियों, मसालों और अनाज की कीमतें कम हो रही हैं, तो आने वाले महीनों में मुद्रास्फीति करीब 4.5 या लगभग 4.45 से पांच प्रतिशत के बीच होने की संभावना है। क्योंकि मुद्रास्फीति में बढ़ोतरी मुख्य रूप से सब्जियों और खाने के दूसरे सामानों की ऊंची कीमतों की वजह से हैं, जो आपूर्ति में कमी का नतीजा हैं।"

जुलाई में खुदरा मुद्रास्फीति 15 महीने के उच्चतम स्तर 7.44 फीसदी पर पहुंच गई। क्योंकि टमाटर, सब्जियां और खाने के दूसरे सामान महंगे हो गए। ये मौजूदा वित्त वर्ष में पहली बार रिजर्व बैंक के कंफर्ट लेवल से ज्यादा हो गया।

रिजर्व बैंक के पास खुदरा मुद्रास्फीति को दो से छह फीसदी के दायरे में रखने का मेंडेट है। वित्तीय साल 2022-23 के ज्यादातर समय में ऊपरी सीमा से ज्यादा रहने के बाद जून तक राजकोषीय मुद्रास्फीति केंद्रीय बैंक के कंफर्ट लेवल में थी। 

सोमवार को जारी आधिकारिक आंकड़ों से पता चला कि उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (सीपीआई) आधारित मुद्रास्फीति जुलाई में बढ़कर 7.44 फीसदी हो गई, जो जून के 4.87 प्रतिशत से काफी ज्यादा है।