उत्तर प्रदेश की सियासत में बीजेपी को मात देने के लिए सपा प्रमुख अखिलेश यादव एक के बाद एक सियासी प्रयोग कर रहे हैं. कांग्रेस और बसपा के साथ गठबंधन करने का दांव सपा के लिए मुफीद साबित नहीं हुआ तो अखिलेश ने ओबीसी आधार वाले छोटे-छोटे दलों के साथ हाथ मिलाने से पार्टी की सिर्फ सीटें ही नहीं बढ़ी बल्कि वोट शेयर में इजाफा हुआ. सियासी लाभ के बाद भी सपा ने लोकसभा चुनाव से पहले सभी पुराने सहयोगियों का समर्थन खो दिया है और कांग्रेस के साथ दोबारा से हाथ मिलाया है तो महान दल के साथ भी दोस्ती हो गई है.